लखनऊ:मौलाना कलीम सिद्दीकी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. यूपी एटीएस अब लालच देकर धर्मांतरण कराए गए कई को सरकारी गवाह बनाने की कवायद में जुट गई है. आठ साल पहले खतौली में ईलावड़ क्षेत्र के सौरभ और उसके एक साथी का धर्मांतरण कराए जाने की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी. धर्मांतरण के मामले में मौलाना के खिलाफ सौरभ गुप्ता गवाही दे सकता है. एटीएस सौरभ को अपने साथ मुख्यालय ले आई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो एटीएस टीम सौरभ के संपर्क में है. पूछताछ कर जानकारी ली जा रही है. टीम धर्मांतरण के शिकार हुए और लोगों के बारे में भी और पता लगा रही है.
बता दें कि, बीते 20 सितम्बर को अवैध धर्मांतरण और विदेश से फंडिंग लेने के मामले में फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. कलीम 1000 मूक-बधिर लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोपी दिल्ली से पकड़े गए उमर गौतम का साथी है. एक दिन बाद एटीएस ने मौलाना कलीम के तीन और साथी मोहम्मद इदरीस कुरैशी, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया था. अब एटीएस इन सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. एटीएस चारों को आमने-सामने बैठा कर जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में आई तीन करोड़ की विदेशी रकम और तीनों आरोपियों के अलग-अलग खातों में आई 20 करोड़ की रकम के बारे में भी गहराई से पूछताछ कर रही है.
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हालांकि, आरोपी इसके बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. उपरोक्त ट्रस्ट के इण्डियन बैंक के खाते में बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत से करीब 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें से एक बड़ी राशि कलीम सिद्दीकी द्वारा उसके साथ धर्मान्तरण में लगे लोगों (दाई) को भेजा जाना पाया गया है. एटीएस की मानें तो रिमांड पर मौलाना कलीम सिद्दीकी से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी कई साल से गैर समुदाय के लोगों का धर्मांतरण करा रहा था. फंडिंग कराने का ठेका भी मौलाना के पास ही था. मौलाना का जाल मेरठ में भी फैला हुआ है.