मेरठ: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा डे है. इसको देखते हुए चौधरी चरण सिंह जिला जेल में जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तनावमुक्त, कुंठा और अवसाद से दूर रखने के लिए उनको योग से जोड़ा जा रहा है. मेरठ जेल में करीब 3000 बंदी निरुद्ध हैं. जेल प्रशासन ने यहां सभी बंदियों को योगाभ्यास कराने को लेकर विशेष प्लान बनाया है. प्रत्येक बंदी को विशेष तौर पर प्रशिक्षित करने के लिए यह खास पहल की जा रही है.
जेल प्रशासन अगले 4 माह तक यहां के बंदियों को योग क्रियाओं में दक्ष बनाना चाहता है. बंदियों की जीवन शैली को सुधारने के लिए उन्हें तनावमुक्त रखने के उद्देश्य से यहां प्रतिदिन योगा क्लासेस संचालित की जा रही हैं. जेल अधीक्षक राकेश कुमार (Jail Superintendent Rakesh Kumar) ने बताया कि सभी बंदियों को ट्रेंड करने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बंदियों के लिए अलग-अलग बैच बनाए गए हैं, ताकि क्रमबद्ध तरीके से सभी बंदियों को योग करना आ सके. वे नियमित दिनचर्या में इसे शामिल करके तनावमुक्त रह सके.
राकेश कुमार ने बताया कि देखा जाता है कि जब कोई भी बंदी जेल में पहुंच जाता है, तो वो एकाकीपन महसूस करने लगता है. इसी वजह से समय-समय पर कुछ न कुछ गतिविधियां संचालित करायी जाती है, ताकि 24 घंटे सलाखों के पीछे रहने वाले ये लोग जो कि समाज की मुख्यधारा से अलग होकर तनावग्रस्त रहते हैं, वे तनाव न लें और स्वस्थ रह सकें. उन्होंने बताया कि तनावमुक्त रखने में योगाभ्यास बेहद ही उपयोगी माना जाता है.
जिला कारागर में बंदियों को योग की ट्रेनिंग खूब भा रही है. यही वजह है कि तय समय पर निर्धारित कैदियों को जब योग के लिए बुलाया जाता है, तो वे खुद से रुचि दिखाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि हर दिन जो बंदी यहां पर शिक्षित हो रहे हैं, वह पूरी तन्मयता के साथ योगाभ्यास करते हैं. इस बारे में बंदियों ने बातचीत के दौरान बताया कि योग से जुड़कर उन्हें मानसिक शांति तो मिलती ही है. साथ ही सकारात्मक सोच विकसित होती है.