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International Yoga Day 2022: बंदियों को तनावमुक्त रखने के लिए जेल प्रशासन ने की ये खास पहल - special initiative of jail administration

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा डे है. इसको देखते हुए चौधरी चरण सिंह जिला जेल (Chaudhary Charan Singh District Jail) में जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तनावमुक्त, कुंठा और अवसाद से दूर रखने के लिए उनको योग से जोड़ा जा रहा है.

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योग करते बंदी

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Published : Jun 20, 2022, 5:54 PM IST

मेरठ: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा डे है. इसको देखते हुए चौधरी चरण सिंह जिला जेल में जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तनावमुक्त, कुंठा और अवसाद से दूर रखने के लिए उनको योग से जोड़ा जा रहा है. मेरठ जेल में करीब 3000 बंदी निरुद्ध हैं. जेल प्रशासन ने यहां सभी बंदियों को योगाभ्यास कराने को लेकर विशेष प्लान बनाया है. प्रत्येक बंदी को विशेष तौर पर प्रशिक्षित करने के लिए यह खास पहल की जा रही है.

जेल प्रशासन अगले 4 माह तक यहां के बंदियों को योग क्रियाओं में दक्ष बनाना चाहता है. बंदियों की जीवन शैली को सुधारने के लिए उन्हें तनावमुक्त रखने के उद्देश्य से यहां प्रतिदिन योगा क्लासेस संचालित की जा रही हैं. जेल अधीक्षक राकेश कुमार (Jail Superintendent Rakesh Kumar) ने बताया कि सभी बंदियों को ट्रेंड करने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बंदियों के लिए अलग-अलग बैच बनाए गए हैं, ताकि क्रमबद्ध तरीके से सभी बंदियों को योग करना आ सके. वे नियमित दिनचर्या में इसे शामिल करके तनावमुक्त रह सके.

बंदियों को तनावमुक्त रखने के लिए जेल प्रशासन ने की ये खास पहल

राकेश कुमार ने बताया कि देखा जाता है कि जब कोई भी बंदी जेल में पहुंच जाता है, तो वो एकाकीपन महसूस करने लगता है. इसी वजह से समय-समय पर कुछ न कुछ गतिविधियां संचालित करायी जाती है, ताकि 24 घंटे सलाखों के पीछे रहने वाले ये लोग जो कि समाज की मुख्यधारा से अलग होकर तनावग्रस्त रहते हैं, वे तनाव न लें और स्वस्थ रह सकें. उन्होंने बताया कि तनावमुक्त रखने में योगाभ्यास बेहद ही उपयोगी माना जाता है.

योग करते बंदी

जिला कारागर में बंदियों को योग की ट्रेनिंग खूब भा रही है. यही वजह है कि तय समय पर निर्धारित कैदियों को जब योग के लिए बुलाया जाता है, तो वे खुद से रुचि दिखाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि हर दिन जो बंदी यहां पर शिक्षित हो रहे हैं, वह पूरी तन्मयता के साथ योगाभ्यास करते हैं. इस बारे में बंदियों ने बातचीत के दौरान बताया कि योग से जुड़कर उन्हें मानसिक शांति तो मिलती ही है. साथ ही सकारात्मक सोच विकसित होती है.

योग करते बंदी

कई बंदियों का यह भी कहना है कि बाहर की दुनिया हालांकि अलग है. लेकिन जब जेल में कोई कार्यक्रम होता है तो, उससे उनकी परेशानियां और तनाव कम हो जाते हैं. जेल अधीक्षक ने बताया कि विश्व योग दिवस को देखते हुए कारागार के सभी बंदियों के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सभी बंदी स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें और उनकी मनोस्थिति ठीक रहे.

योग करते बंदी

कोई अवसाद में न जाए इसको ध्यान में रखते हुए सभी को योग से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि श्री श्री रविशंकर की संस्था आयी है, जो कि अगले 4 महीनों तक योग सिखाएगी. हर रोज तीन ग्रुप चल रहे हैं. प्रत्येक ग्रुप में 60 बंदी है. उन्होंने कहा कि जब तक कारागार के सभी बंदी योग का प्रशिक्षण नहीं लें लेते. तब तक योग का कार्यक्रम अनवरत चलता रहेगा. वे चाहते हैं कि जब ये बंदी बाहर की दुनिया में वापस जाएं तो अपने परिवार के लोगों को भी योग से जोड़ सकें.

योग करते बंदी

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