मेरठ: हस्तिनापुर की पावन धरती पर जैन मंदिरों की शृंखला में शीघ्र ही एक और कड़ी जुड़ जाएगी. गुरुवार को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल विधिवत रूप से भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे. हस्तिनापुर में केंद्रीय मंत्री द्वारा अर्हं दर्शनम का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया जाएगा. अर्हं दर्शनम पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा. जहां डिजिटल संग्रहालय, शोध केंद्र व ध्यान केंद्र स्थापित करने की तैयारी चल रही है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने देश भर के पर्यटन स्थलों का सौन्दर्यकरण करने का दावा किया है.
हस्तिनापुर में जैन मंदिर का शिलान्यास करेंगे पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल पर्यटन विभाग की अहम साइट है हस्तिनापुर
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि मेरठ सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के यहां भोजन की उधारी थी. सबसे पहले आज उनके यहां भोजन किया हूं. इसके बाद हस्तिनापुर जा रहे हैं हैं. हस्तिनापुर पर्यटन मंत्रालय की सबसे अहम और एएसआई की प्राचीन साइट है. वहां महाभारत काल से जुड़ी महत्वपूर्ण यादें जुड़ी हुई है. गुरुवार को जैन समाज के कार्यक्रम में भी शामिल होना है.
जैन मंदिर का करेंगे शिलान्यास
जैन समाज के कार्यक्रम में श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया जाएगा. आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं अर्हं योग प्रणेता मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर व मुनि श्री चंद्रसागर जी महाराज के प्रेरणा से अर्हं दर्शनम का निर्माण किया जा रहा है. उक्त निर्माण ओम अर्हं सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, भारत के तत्वावधान में किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें-शिक्षिका हत्याकांड: पति ने सुपारी देकर डॉक्टर से कराई थी पत्नी की हत्या
पीएम मोदी के स्लोगन ने किया काम
उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं सभी डोमेस्टिक टूरिस्ट को लेकर सबका अनुमान था कि जैसे ही टूरिस्ट घरों से बाहर निकलेगा तो सभी होटलों एवं टूरिज्म सेक्टर का सर्वाइवल और रिवाइवल साथ साथ शुरू हो जाएगा. महाराष्ट्र और महानगरों को छोड़कर बाकी सभी टूरिज्म जगहों का सौन्दर्यकरण किया गया है. जनवरी 2020 के बाद श्रीनगर में तो चार गुना विकास हुआ है, जबकि जम्मू कश्मीर में तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है. गोवा और सभी हिमालय स्टेशन पर विकास कराया गया है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने कोरोना से पहले लालकिले की प्राचीर से कहा था कि तीन साल में स्थानीय पर्यटकों को देश के कम से कम 15 जगह जाना चाहिए. उसके बाद वे विदेशों में जाए आज वहीम स्लोगन काम कर गया है.