मेरठ:जिले के सिटी रेलवे स्टेशन से रविवार को दो श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन रवाना की गई. ट्रेन में करीब दो हजार मजदूर थे, जो बंगाल और बिहार के रहने वाले थे. ये मजदूर पिछले 68 दिन से लॉकडाउन की मार झेल रहे थे. सर्राफा कारोबारियों ने इन मजदूरों से पल्ला झाड़ लिया, जिससे इनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया. लिहाजा मेरठ में आए इन श्रमिकों ने घर जाने की ठान ली. सरकार ने उनके जाने की व्यवस्था भी कर दी.
मेरठ: मजदूरों को लेकर बंगाल और बिहार के लिए रवाना हुई 2 श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन
मेरठ जिले से रविवार को मजदूरों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन बंगाल और बिहार के लिए रवाना हुईं. अपने मूल राज्यों को जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की भारी भीड़ देखी गई.
बता दें कि मेरठ जिले से बंगाल और बिहार जाने के लिए करीब 2 से ढाई हजार मजदूर लाइनों में लगे थे. एक श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन बिहार के लिए रवाना कर दी गई. दूसरी ट्रेन शाम चार बजे बंगाल के लिए रवाना हुई, जिसमें 1200 से भी ज्यादा मजदूरों के लिए व्यवस्था की गई थी. इन ट्रेनों में मजूदरों की संख्या प्रशासन द्वारा तय किए गए मानक से ज्यादा थी.
कारोबारियों के लिए नुकसान
इन प्रवासी मजदूरों का घर जाना मेरठ के सर्राफा कारोबारियों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. लॉकडाउन 5.0 में काई तरह की दुकानों को खोलने के लिए छूट मिल रही है, इस तरह श्रमिकों का शहर से जाना बड़े कारोबारियों के लिए नुकसान देय साबित हो सकता है.