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Students Stress Level : स्टूडेंट्स के स्ट्रेस को खत्म करने के लिए विदेशी दे रहे खास ट्रेनिंग, आप भी जानिए - मेरठ के दीवान इंस्टीट्यूट में ध्यान क्लासेज

मेरठ के दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (Meerut Diwan Group of Institutions) नामक शिक्षण संस्थान ने छात्रों के हितों को देखते हुए नई शुरुआत की है. शिक्षण संस्थान के निदेशक ने बताया कि स्टूडेंट्स में स्ट्रेस लेवल (Stress Level in Students) को कम करने की बेहद जरूरत है. इस पर काफी मंथन किया गया. इसके बाद विदेशी ट्रेनरों (Foreign Trainers in Dewan Institute) की टीम को यहां बुलाया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 12:26 PM IST

Updated : Oct 28, 2023, 2:20 PM IST

मेरठ के दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में छात्रों के लिए विदेशी ट्रेनर

मेरठ:दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस नामक शिक्षण संस्थान ने अपने सभी छात्र-छात्राओं को मेडिटेशन सिखाने और कराने की एक सकारात्मक पहल शुरू की है. खास बात यह है कि लगभग चार हजार स्टूडेंट्स अब इस शिक्षण संस्थान के अलग संकायों में पहले पीरियड में सिर्फ ध्यान, मेडिटेशन, योगा और प्राणायाम सीखने के साथ ध्यान लगाते हैं. स्टूडेंट्स को ध्यान से जोड़कर स्ट्रेस लेवल कम करने के लिए देश के बाहर से आई विशेषज्ञों की टीम यह काम कर रही है.

संस्थान के निदेशक नरेश कुमार गोयल ने बताया कि तनाव की वजह से आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने जैसी नकारात्मक सोच को जड़ से कैसे खत्म किया जाए, इस पर संस्थान ने काफी कार्य किया. इसके बाद एक संस्था से सम्पर्क किया गया. उसके बाद पूरे इंस्टिट्यूशन के अंदर सभी विभागों में पहले पीरियड को मेडिटेशन पीरियड बनाया गया. अब संस्थान के लगभग चार हजार स्टूडेंट्स को प्रत्येक दिन मेडिटेशन की ट्रेनिंग मिलती है. नीदरलैंड की महर्षि यूनिवर्सिटी की टीम की मदद से छात्र-छात्राओं को मेडिटेशन सिखाने और कराने की एक सकारात्मक शुरुआत की गई है.

मेरठ के दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में विदेशी ट्रेनर

विदेश से आए मास्टर ट्रेनर कर रहे ट्रेनर भी तैयार

दीवान इंस्टीट्यूट परिसर में चल रही मेडिटेशन वर्कशॉप में अलग-अलग देशों के 8 ट्रेनर हर रोज स्टूडेंट्स को मेडिटेशन सिखाते हैं. ये ट्रेनिंग 3 महीने तक चलने वाली है. उसके बाद इन ट्रेनर्स के द्वारा ट्रेंड किए गए टीचर्स इन स्टूडेंट्स को रोज मेडिटेशन कराएंगे.

युवाओं में बढ़ रहे हैं अवसाद कुंठा के मामले

बता दें कि वर्तमान समय में स्टूडेंट्स कई बार अलग-अलग कारणों से अवसाद में चले जाते हैं. कई बार तो ऐसे युवा या स्टूडेंट्स आत्मघाती कदम तक भी उठा लेते हैं. वर्तमान में तो ऐसे मामलों की संख्या काफी बढ़ गई है. इतना ही नहीं राजस्थान के कोटा में देखने में आया है कि वहां पढ़ाई करने वाले युवाओं में तनाव के मामले तेजी से बढ़े और उन्होंने कई बार गलत कदम तक उठा लिए.

मेरठ के दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में ध्यान लगाते छात्र-छात्राएं

स्टूडेंट्स में है खुशी की लहर, व्यवहार में आ रहा परिवर्तन

पहले बैच में कुछ दिन का एक्सपीरियंस बना चुके छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किए. स्टूडेंट्स बताते हैं कि वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव को महसूस करने लगे हैं. उनके व्यवहार में बदलाव आ रहा है. संस्थान की एडवाइजर श्रुति अरोड़ा बताती हैं कि आत्मघाती विचारों को रोकने के लिए कोशिश यहां हो रही है. उन्होंने कहा कि मुख्य उदेश्य वर्तमान परस्थिति में बढ़ते हुए आत्महत्या के विचारों को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

दीवान ग्रुप की इंजीनियरिंग विभाग की निदेशक डॉ. शिल्पी बंसल ने बताया कि ध्यान तनाव को कम करने, चिंता को दूर करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. छात्रों में बदलाव देखने को मिल रहा है. अब बच्चे अच्छा महसूस करते हैं. वे पहले पीरियड को मिस नहीं करना चाहते.

मेरठ के दीवान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में ट्रेनिंग देते विदेशी ट्रेनर

परदेशी प्रशिक्षकों का दावा, बदलेगा इन युवाओं का भविष्य

स्टूडेंट्स को तनावमुक्त करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण ट्रेंड करने जर्मनी से आईं क्रिस्टीना ने बताया कि स्टूडेंट्स भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और उन्हें भी बच्चों को मेडिटेशन कराने में अच्छा लग रहा है. वह कहती हैं कि बच्चे बेहद ही गंभीरता से उनके साथ मेडिटेशन करते हैं, जिससे निश्चित ही मेडिटेशन ध्यान और योग क्रियाओं से किसी के भी जीवन में बड़े बदलाव संभव हैं. बच्चे भी खुश हैं और उनके जीवन में निश्चित ही सकारात्मक सोच और पॉजिटिव एनर्जी से बड़े बदलाव होने वाले हैं.

बता दें कि क्रिस्टीना जर्मनी से हैं, जबकि माइकल न्यूजीलैंड से हैं. इन्हें लगभग 40 वर्ष का अनुभव प्राप्त है. इनके अलावा बैट्रिक्स (हंगरी), मार्क पुहा (हंगरी), लुईस (इंग्लैंड) अमांडा (ऑस्ट्रेलिया), अर्बन (यूएसए) एवं रोमी (यूएसए) से आई हुई हैं. सभी ट्रेनर्स बताते हैं कि ध्यान और मेडिटेशन से एक सकरात्मक सोच द्वारा मानसिक स्थिति को सुदृढ़ बनाया जा सकता है.

कार्यशाला में भाग लेने के पश्चात विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें ध्यान के माध्यम से तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद मिली. छात्रों ने बताया कि उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला. ध्यान को वह अपने जीवन में शामिल कर अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे, ताकि सुखद भविष्य निर्माण में यह सहायक सिद्ध हो सके.

गौरतलब है कि पिछले दिनों कोटा समेत देश के अन्य हिस्सों में बढ़े छात्रों की आत्महत्या के मामलो के बाद यूजीसी जैसी संस्थाओं ने भी सभी स्कूल कॉलेज को निर्देश दिए हैं कि सभी शिक्षण संस्थान अपने करिकुलम में काउंसलिंग, योग जैसी एक्टिविटी शामिल करें, ताकि छात्र-छात्राओं को मानसिक लेवल पर भी मजबूत किया जा सके.

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Last Updated : Oct 28, 2023, 2:20 PM IST

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