मेरठः वन विभाग ने गौरैया को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए खास प्लान बनाया है. दरअसल अब विभाग ने जीपीएस के माध्यम से गौरैया को खोजने और उनकी लोकेशन की जानकारी जुटानी शुरू की है. यानि अब जीपीएस से इस विलुप्त होती जा रही चिड़िया को खोजने के बाद इसके संरक्षण पर विभाग खास प्लान बनाकर कार्य करेगा.
मेरठ वन विभाग ने अब गौरैया को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए एक खाका तैयार किया है. आपको बता दें कि एक समय था कि घर-घर में चिड़िया के तौर पर गौरैया की पहचान हुआ करती थी. मेरठ वन विभाग ने जिले में किस-किस इलाके में किस लोकेशन पर ये छोटी सी चिड़िया मौजूद है. ऐसे स्थानों को चिन्हित करने के लिए जनसहयोग भी मांगा है. इस बारे में डीएफओ ने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि जो चिड़िया कभी हर आंगन में अपनी मीठी-मीठी आवाज के साथ उछल कूद करती थी. उस प्रजाति को सुरक्षित किया जाए. इसके लिए विभाग कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि यूं तो हम हर वर्ष गौरैया दिवस भी मनाते हैं. लेकिन उस एक दिन के कार्यक्रम से इस विलुप्त होती जा रही प्रजाति को सुरक्षित करना आसान नहीं है.