मेरठ: जिले में लॉकडाउन में मिली छूट के बाद रोडवेज की बसों का संचालन शुरू किया गया. अभी रोडवेज की बसें यूपी के ही जनपदों में आ जा रही हैं. दूसरे राज्यों के लिए अभी बस सेवा नहीं शुरू की गई है. रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि अभी बसों में लोड फैक्टर पूरा नहीं हो रहा है. शुरुआत में 10 से 15 प्रतिशत ही लोड फैक्टर था. अब धीरे-धीरे यह 50 प्रतिशत तक आ रहा है, लेकिन अभी ऐसे कई रूट हैं, जहां बसों को उसकी निर्धारित सीटों के अनुसार सवारी नहीं मिल रही है.
मेरठ: यात्रियों की कमी के चलते सड़कों पर खाली दौड़ रहीं रोडवेज बसें
यूपी के मेरठ में लॉकडाउन में मिली छूट के बावजूद रोडवेज बसों में यात्रियों की कमी देखने को मिल रही है. यात्रियों के अभाव में बसें खाली ही सड़कों पर दौड़ रही हैं. बसों में सवारी कम होने की वजह से रोडवेज को घाटे का सामना करना पड़ रहा है.
यात्रियों की कमी के चलते रूटों पर खाली दौड़ रही बसें
मेरठ से गाजियाबाद जाने वाली बसों में यात्रियों की संख्या कम होने से सीटें खाली रह जाती हैं. इसी तरह अन्य रूट पर भी यही स्थिति है. मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज जाने वाली बसों में भी यात्रियों की कमी है. रोडवेज बस अड्डे के अधिकारियों का कहना है कि सामान्य दिनों में भैसाली बस अड्डे से 1600 बसों का संचालन होता था. अब वर्तमान हालातों में यह 300 से 400 के बीच ही रह गया है. यात्रियों के अभाव में बस खाली रह जाती है. कई ऐसे रूट हैं, जहां बसों के तेल का भी खर्च नहीं निकल रहा है. अधिकारियों का मानना है कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होंगे यही स्थिति बनी रहेगी.
यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान
शहर के भैसाली बस अड्डे के एआरएम राजेश कुमार का कहना है कि बसों में कोरोना से यात्रियों की सुरक्षा का हर संभव कदम उठाया जा रहा है. बसों को सैनिटाइज करने के बाद ही रूट पर भेजा जा रहा है. बस अड्डे में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रनिंग कराई जाती है. उसके बाद बस अड्डे के गेट पर ही लगी ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन से हाथ सैनिटाइज कराए जाते हैं. माॅस्क होने पर ही यात्रियों को बस में बिठाया जा रहा है. रास्ते में बैठने वाले यात्रियों के लिए भी बस के कंडक्टर को सैनिटाइजर दिया गया है.