मेरठ : जिले के लोहिया नगर में एक बंद मकान में हुए विस्फोट में पांच लोगों की जान (Blast In Factory) गई थी. गुरुवार को मृतकों के परिजन शव लेने मेरठ पहुंचे. इस मौके पर परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके परिवार के लोगों को अबीर और गुलाल बनाने के काम के लिए रखा गया था, जबकि उनसे पटाखे बनवाए जा रहे थे.
मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र में दो मंजिला मकान में सोमवार को हुए विस्फोट मे मारे गए पांचों मजदूरों के परिजन गुरुवार को मेरठ पहुंचे. इस मौके पर मृतक मजदूरों के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके परिवार के सदस्यों को अबीर और गुलाल बनाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन यहां पर उनसे पटाखे बनवाए जा रहे थे. पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मृतक मजदूरों के परिजन अपने अजीजों के शव देखकर वहां फफक फफक कर रो पडे. मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनसे बारूद का काम कराया गया. सीओ अमित कुमार राय ने ईटीवी भारत को बताया कि 'विस्फोट में मारे गए सभी पांच मजदूरों की शिनाख्त हो चुकी है. सभी बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं और मृतकों के परिजनों के पहुंचने के बाद उनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.' गौरतलब है कि इस पूरे मामले में जहां एक तरफ एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया था, वहीं एटीएस को भी विस्फोट की वजह जानने के लिए लगाया गया है.
इस विस्फोट में जान गंवाने वाले मजदूर प्रयाग शाह के रिश्तेदार सीताराम साहू ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि 'रूपम नाम के ठेकेदार ने चारों मजदूरों को बिहार के भोजपुर से बुलाया था. 400 रुपया प्रतिदिन की मजदूरी पर उन्हें बुलाया गया था. मृतक मजदूर प्रयाग साहू के रिश्तेदार ने बताया कि प्रयाग ने तो बारूद के पटाखे बनाने के काम से भी इंकार कर दिया था, जिस पर ठेकेदार रूपम ने उन्हें रोक लिया था कि कुछ दिन काम कर लो दीपावली के बाद घर चले जाना. मृतक मजदूर के रिश्तेदार ने बताया कि प्रयाग ने अपने पिता को फोन करके भी जानकारी दी थी कि उनसे खतरनाक काम कराया जा रहा है.' बता दें कि मृतकों के परिजन बीते दिन रात को मेरठ पहुंच गए थे. उन्हें होटल में ठहराया गया था, वहीं उनके खाने की भी व्यवस्था कराई गई थी. मृतक मजदूरों के परिजनों ने बताया कि मरने वाले सभी लोगों के घरों की हालत काफी दयनीय है, वह प्रशासन से मांग करते हैं कि उनकी आर्थिक मदद की जाए.