मेरठ:कांवड़ मेला 2022 और शिवरात्रि पर्व को लेकर मेरठ में प्रशासन बड़े स्तर पर तैयारियों में लगा हुआ है. अब तो शिवभक्त कांवडियों की टोलियां हरिद्वार और गौमुख से अपने गंतव्यों को रवाना होनी भी शुरू हो गई है. ऐसे में तमाम अधिकारी दिन-रात कांवड़ मार्गों पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. गौरतलब है कि पश्चिम यूपी के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के तौर पर कांवड़ यात्रा को जाना जाता है.
कांवडियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने बताया कि असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है. जो भी खुरापाती किस्म के लोग हैं. उन सबका ब्यौरा पुलिस के पास है. सौहार्दपूर्ण माहौल में त्योहार संपन्न हो ये प्राथमिकता है.
26 जुलाई को शिवरात्रि का पर्व है. इससे पूर्व शिवभक्त कांवड़ियों को अपने-अपने गन्तव्यों पर पहुंचना है और नियत समय पर शिवरात्रि के मौके पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करना है. गौरतलब है कि दो साल के बाद इस बार कांवड़ यात्रा को प्रदेश सरकार की तरफ से अनुमति मिली है. ऐसे में शिवभक्तों में उत्साह है. वहीं प्रदेश सरकार की तरफ से तो अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि इस बार कांवड़ यात्रा धूमधाम से मने. गौरतलब है कि कांवड़ की व्यवस्था में जिला प्रशासन, पुलिस और सभी विभाग मजबूती से और उत्साह के साथ जुटे हुए हैं.
विशेष तौर पर बागपत जिले के पुरा महादेव को जाने वाले कांवड़ियों को सरधना तहसील और मेरठ से होकर गुजरना पड़ता है उनकी तादाद लाखों में होती है. जबकि मेरठ शहर के सबसे प्रसिद्ध औघड़नाथ मंदिर में भी लाखों कांवड़ियों के द्वारा जलाभिषेक किया जाता है. प्रशासन की तरफ से ट्रैफिक प्लान तैयार है जिससे जिले में कहीं भी अव्यवस्था न हो.
डीएम पंकज मीणा ने बताया कि कानून व्यवस्था, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था की समुचित व्यवस्था की गई है ताकि कांवड़ियों को रात्रि में भी अपनी यात्रा में कोई व्यवधान न हो. भारी वाहनों की एंट्री शिवरात्रि पर्व तक बैन कर दी गई है.