मेरठ: कड़ाके की ठंड का असर पौधों पर भी पड़ता है. ठंड और पाले के असर से खेतों और नर्सरी में छोटे पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि समय रहते प्रबंधन कर लिया जाए तो किसान पेड़-पौधों में होने वाले नुकसान को बचा सकते हैं.
पौधों को ठंड से बचाने के उपाय. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मौसम प्रतिकूल बना हुआ है, उसके चलते इस समय फसलों का रख-रखाव बेहद जरूरी हो गया है. बारिश से फसलों को लाभ जरूर हुआ है, लेकिन अभी आगामी दिनों में पाला फसलों पर और भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. यदि किसान समय रहते प्रबंधन कर लें तो नुकसान से बचा जा सकता है. पपीते की छोटी फसल को इस समय पाले से बचाने की बेहद आवश्यकता है.
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छोटी पौध को बचाने के लिए यदि किसान उसे पॉली बैग से ढक दें तो उसे पाले से बचाया जा सकता है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च फॉर्म पर किसानों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. किसानों से कहा गया है कि यदि पाले की शिकायत हो तो छोटे पेड़-पौधों को पॉली बैग से ढक दें या फिर धान की पराली से पौधों को ढक दें.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि आजकल जो पॉली बैग बाजार में मौजूद हैं, उनका इस्तेमाल नर्सरी या खेत में खड़े छोटे पेड़-पौधों को ढकने में किया जा सकता है. इसके अलावा पराली से फसलों को बचाया जा सकता है. इस समय पेड़-पौधों को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन बेहद जरूरी है.