मेरठ: जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत के आंकड़ों पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य आलोक कुमार ने चिंता जताई है. जिले के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज और आनन्द अस्पताल का प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को निरीक्षण किया. इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि परस्पर समन्वय और जनसहयोग से बढ़ती कोरोना की मृत्युदर को नियंत्रित करें. उन्होंने कहा कि लापरवाही किसी भी स्तर पर हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में सीसीटीवी से की जा रही माॅनिटरिंग और वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मरीजों से किए जा रहे इनहाउस वर्चुअल संवाद को देखा. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज अपनी साख बढ़ाएं और प्रबंधन को दुरुस्त करते हुए और प्रभावी ढंग से कार्य करें. प्रमुख सचिव ने मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य से दवाइयों और ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता के बारे में पूछा. इस पर प्रधानाचार्य ने कहा कि यह दोनों पर्याप्त मात्रा में हैं. प्रमुख सचिव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को जिस चीज की आवश्यकता होगी. उसको प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाएगा. यदि कोई समस्या है तो उसे प्राथमिकता के साथ दूर कराया जाएगा.
प्रमुख सचिव ने डेथ समरी देखी और कहा कि इसका रैट्रोइस्पेक्टीव मूल्यांकन करें. उन्होंने जनपद में 27 नवम्बर तक चलाए जा रहे घर-घर सर्वे अभियान को एक अच्छा कदम बताते हुए कहा कि इसको प्रभावी ढंग से पूरा किया जाए. स्वास्थ विभाग के कर्मचारी किस प्रकार कार्य कर रहे हैं. इसका भी सतत निरीक्षण मूल्यांकन किया जाए. उन्होंने कहा कि आईएलआई और साॅरी के मरीजों की कोरोना जांच कराई जाए. प्राइवेट अस्पतालों से कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सूचना प्रतिदिन ली जाए. जिन प्राइवेट अस्पतालों को एंटीजन किट कोरोना जांच के लिए उपलब्ध कराई गई है. उन अस्पतालों से भी प्रतिदिन उनके द्वारा कितनी कोरोना जांच की गई इसकी सूचना ली जाए.