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अरे भाई जरा देख के चलें ! मेरठ और बागपत में 540 किलोमीटर सड़क पर हैं गड्ढे ही गड्ढे

मेरठ और बागपत में करीब 540 किलोमीटर की सड़क गड्डों में तब्दील हो चुकी है. इनकी मरम्मत के लिए सरकार की तरफ से पूरा बजट भी नहीं मिला है, गड्डों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.

र सड़कों पर हैं गड्ढे ही गड्ढे
र सड़कों पर हैं गड्ढे ही गड्ढे

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Published : Oct 11, 2022, 8:06 PM IST

मेरठ:योगी सरकार ने प्रदेश की सड़कों को गड्डा मुक्त करने के आदेश दिए है. सड़कों के गड्डे भरने की डेडलाइन भी निर्धारित कर दी गई है. ऐसे में मेरठ डिवीजन में गांव से लेकर शहरी क्षेत्र तक की करीब 540 किलोमीटर की सड़के ऐसी है, जिनमें सिर्फ गड्डे ही गड्डे है. इस सड़कों पर गड्डों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है. लोक निर्माण विभाग मेरठ वृत क्षेत्र के अंतर्गत में मेरठ समेत बागपत डिवीजन भी आता है.

बागपत और मेरठ में लगने वाले डिवीजन में 540 किलोमीटर लंबी गड्डा युक्त सड़कों का लोग दुरुस्त होने का इंतजार कर रहे है. इन सड़कों से गुजरने वाले लोगों को खासी दिक्कतें होती है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथछ ने 15 नबंवर तक प्रदेश की सड़को गड्डामुक्त करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी चाहते है कि गांव और शहर सभी जगह की सड़के चलने योग्य हो. जिससे किसी को भी आवाजाही में किसी भी तरह की समस्या और दुर्घटना न हो. भारी बरसात होने के कारण सड़कों में बड़े-बड़े गड्डे हो गए हैं. ऐसे में सड़कों को मरम्मत की जरूरत है.

जानकारी देते संवाददाता श्रीपाल तेवतिया

लोगों का कहना है कि मेरठ में शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में सड़कों की हालत खस्ता है. गांव की अधिकांश सड़कों पर बड़े-बड़े गढ्ढे हैं. पैदल चलने वालों से लेकर दोपहिया और चार पहिए पर सफर करने वाले परेशान हैं. क्योंकि गढ्ढा आते ही उनको अपनी स्पीड पर ब्रेक लगाना पड़ता है. ई रिक्शा, ऑटो में बैठे लोग तो अचानक से उछल जाते हैं, कभी-कभी बैलेंस बिगडने से वाहन पलट भी जाते हैं.

सड़कों पर बने गड्डे

शहर के एक निजी हॉस्पिटल में अपनी मां को एम्बुलेंस से लेकर पहुंची विनया कहती है कि सड़के गड्डे में तब्दील हो चुकी है. विनया का कहना है कि जब वह अपनी मां को एंबुलेंस से निकालकर स्ट्रेचर पर अस्पताल के अंदर लेकर जा रही थी, तो सड़क पर गड्डा होने के कारण मेरी बीमार मां स्ट्रेचर से एक मीचर ऊपर ऊछल गई. इससे मेरी का दर्द और ज्यादा बढ़ गया. सरकार तो काम कर रही है. लेकिन, विभाग के अधिकारी अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे है. सड़कों की बदहाली के सरकारी दफ्तरों में बैठे हुए अफसर और अधिकारी हैं. सरकार को विभागों पर ध्यान देना चाहिए कि कर्मचारी काम कर रहे है या नहीं. सरकार को ये भी चैक करना चहिए कि जमीनी हकीकत क्या है.

सड़कों पर बने गड्डे

वहीं, लोकनिर्माण विभाग के जिम्मेदार दावा कर रहे हैं कि शीघ्र ही सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा. पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीक्षण अभियंता का कहना है कि उनके क्षेत्र में दो डिवीजन हैं, प्रान्तीय खण्ड और निर्माण खण्ड. दोनों डिवीजन की सड़कों की मरम्मत के लिए सराकर से अभी पूरा बजट नहीं मिला है. कुछ राशि मिल गई है. जिससे जल्द ही सड़कों दुरुस्त करने का काम शुरू किया जाएगा.

पूरे डिवीजन की लगभग 540किलोमीटर सड़कें यहां की बदहाल हैं. इनकी मरम्मत करने के लिए सरकार से करीब 644.78 लाख रुपये की मांग की गई है. पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत ने कहा कि सड़कों में गड्डे होना कोई नई बात नहीं है. बारिश से पहले भी गड्ढे भरने का अभियान चलाया था, और बरसात में सड़कों में गड्ढे होना तो स्वाभाविक है. सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने का काम शुरू किया जा चुका है.

गड्डे में तब्दील सड़क

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