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दिल्ली की तरह गैस चैंबर बन रहे आगरा और मेरठ, आब-ओ-हवा हो रही जहरीली, एहतियात बरतने की सलाह

दिल्ली की आब-ओ-हवा जहरीली होने के साथ ही यूपी के आगरा और मेरठ जैसे शहरों पर भी ऐसा खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में एहतियातन कई कदम उठाए जा रहे हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2023, 12:15 PM IST

डीएम और यूपीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया.

मेरठःदिल्ली, आगरा के बाद अब मेरठ की आब-ओ-हवा भी बिगड़ने लगी है. धीरे-धीरे तापमान गिरता जा रहा है. वायु गुणवत्ता का सूचकांक भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) स्तर खतरनाक स्टेज पर पहुंच गया है. हवा जहरीली होने के बाद धुंध, धुआं, धूल और स्मॉग के चलते आम जनजीवन पर खासा प्रभाव पड़ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर नजर डालें तो 400 के पार AQI स्तर पहुंच गया है. जिसके चलते विकास कार्यों पर भी इसका असर पड़ रहा है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय में इसी तरह शहर में प्रदूषण बरकरार रहने वाला है.

दिल्ली समेत एनसीआर की आबोहवा दूषित
मेरठ में अचानक तापमान गिरने के साथ-साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ता जा रहा है. आसमान में धुंध के गुबार से आमजन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. दिल्ली में हवा जहरीली होने के बाद मेरठ में भी धुंध, धुआं, धूल, स्मॉग के चलते मेरठ का प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 346 रिकार्ड किया गया है. प्रदूषित हवा बढ़ने से सांस के मरीजों के लिए तकलीफ बढ़ गई है. ऐसे में दीपावली पर्व नजदीक है. दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी खतरनाक स्टेज में पहुंच चुका है. हरियाणा और पंजाब में पराली जलने के कारण प्रदूषण में लगातार इजाफा होता जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर की आबोहवा पूरी तरह दूषित हो चुकी है. आलम यह है कि बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए बीते दिनों डीएम दीपक मीणा ने मेरठ में ग्रेप-3 लागू किया था.

मेरठ में लगातार बढ़ रहा एक्यूआई स्तर
आसमान में धुंध के गुबार से दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी खतरनाक स्टेज में पहुंच चुका है. जयभीमनगर में 406, गंगानगर में 337, पल्लवपुरम में 403 एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) दर्ज किया गया है. बुधवार को दिन निकलने के साथ ही आबोहवा पूरी तरह दूषित है. आसमान भी स्मॉग की चादर से लिपटा हुआ है. ऐसे में तापमान के ऐसे रहने की संभावना जताई जा रही है. इस बारे में डीएम दीपक मीणा ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़ने से जिले में चल रहे निर्माण कार्यों को रोकने के पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जिले में ग्रेप-3 नियम लागू है. इस दौरान कंस्ट्रक्शन के जो कार्य हैं. उन्हें रेगुलेट करने के लिए पहले ही कह दिया गया है.

डीएम ने दिया कार्रवाई करने का आदेश
डीएम ने बताया कि सभी विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि जिले में कोई ऐसा कार्य न किया जाए. जिससे शहर में प्रदूषण और ज्यादा फैले. इसलिए अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि किसानों को जागरूक करें कि कहीं भी पराली न जलाएं. अगर ऐसा करते पाए जाएं तो ऐसे किसानों पर तुंरत कार्रवाई करें. डीएम ने बताया कि नगर निगम सहित अन्य विभागों को भी निर्देश दिए गया है कि हवा दूषित करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए. इसके साथ-साथ जनपद के कंस्ट्रक्शन के कार्यों को रेगुलेट करने को निर्देश दिए दिया गया है. साथ ही पानी के छिड़काव के लिए भी संबंधित विभाग को निर्देश दिया गया है.

पटाखे की बिक्री की नहीं दी गई परमिशन
डीएम ने बताया कि दीपावली नजदीक है. शहर में प्रदूषण और अधिक न हो. इसके लिए अभी तक पटाखों के लिए लाइसेंस नहीं दिए गए हैं. आगे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

रैपिड रेल के निर्माण कार्यों पर रोक
एनसीआरटीसी (NCRTC ) से जुड़ी मीडिया प्रवक्ता प्रेरणा ने बताया रैपिड रेल के निर्माण कार्य को लेकर जो भी धूल मिट्टी से जुड़े कार्य चल रहे थे. उन सभी पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि जो भी कार्य चल रहे हैं. वे पूरी तरह से मानकों का पालन करते हुए संचालित हो रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत से एनसीआरटीसी की प्रवक्ता ने बताया कि रैपिड से जुड़े ऐसे कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. जिनसे प्रदूषण बढ़ने का खतरा रहता है.

वायु को प्रदूषित करने वालों पर होगी कार्रवाई
अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. ऐसे में निगम के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि वायु को प्रदूषित करने वाले समान जैसे रोड़ी, रेत, डस्ट आदि अन्य सामग्री को खुले में बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी दुकानदार ने निर्देशों का पालन नहीं किया तो जुर्माना लगाया जाएगा. इसके लिए नगर निगम की तरफ से एक कमेटी भी बनाई गई है, जो कि जगह वीडियोग्रॉफी करेगी.
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भवन प्रकाश यादव ने बताया कि लगातार निगरानी की जा रही है ताकि प्रदूषण न बढ़े.

बीएस-3 और बीएस-4 बसों नहीं जाएंगी दिल्ली
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को लेकर एनजीटी की तरफ से पहले ही बीएस-3 और बीएस- 4 बसों को दिल्ली जाने से रोक दिया गया है. ऐसे में मेरठ परिवहन निगम क्षेत्र अलग-अलग डिपो से जो बसें दिल्ली के लिए चलती हैं. उनमें भी कमी आ गई है. ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मेरठ क्षेत्र के प्रभारी आरएम लोकेश राजपूत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पूर्व में बीएस-3, बीएस-4 और बीएस-6 वाहनों की बात करें तो कुल 156 बसों का संचालन दिल्ली के लिए हर दिन हो रहा था. लेकिन अब नए आदेश के आने से इन वाहनों की संख्या घट गई है. अब 156 के सापेक्ष अब सिर्फ 120 बसें ही हर दिन मेरठ क्षेत्र से दिल्ली के लिए जा रही हैं.

बुजुर्ग और बच्चों पर पड़ रहा प्रदूषण का प्रभाव
सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरोत्तम तोमर ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही उन्हें बेहद सजग होने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि स्मॉग चिंता का विषय है और इस मौसम में सांस के मरीजों की समस्या बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि अस्थमा, साइनोसाइटिस और सांस के अन्य रोगों के अलावा छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग भी प्रभावित होते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

प्रदूषण से बढ़ी मरीजों की संख्या
मेरठ मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वीडी पांडेय ने बताया कि मौसम में आए बदलाव से वायरल निमोनिया, अस्थमा और छाती में संक्रमण जैसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में लोगों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बुखार, कफ आने के मामले बढ़ गए हैं. आंखों में जलन के मरीजों की संख्या में भी इजाफा होना शुरू हो गया है. लगभग 15 फीसदी मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है.

आगरा में भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
आगरा डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि जिले में प्रदूषण से गंभीर होते हालातों को देखकर ग्रेप लागू किया है. जिले में यूपीपीसीबी से शहर के ऑटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स की जानकारी तलब की है जो 200 पार हो गई है. नगर निगम को सीएंडडी वेस्ट का डिस्पोजल कराने के निर्देश दिए हैं. एडीएम सिटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि जिले में निर्माण सामग्री ढककर न रखने, पानी का छिड़काव न करने, बालू, मौरंग समेत अन्य निर्माण सामग्री सड़क या खुले में रखने वाले लोग या संस्थानों पर जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई करें. पेड़ पौधों पर धूल न जमने देने को नगर निगम व फायर ब्रिगेड को पानी का छिड़काव करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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