मेरठ: जिले में रोडवेज की अनुबंधित बस के अंदर महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस पीड़िता के बयान दर्ज कराने में लापरवाही बरत रही है. पुलिस ने अभी तक अदालत में पीड़िता के बयान दर्ज नहीं कराये हैं, जबकि अस्पताल में भर्ती महिला इलाज के बाद ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी कर घर भेज दी गई है. पुलिस अब सोमवार को पीड़िता के बयान दर्ज कराने की बात कह रही है.
बता दें, सरूरपुर निवासी एक महिला ने रोडवेज की अनुबंधित बस के चालक और परिचालक पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. महिला ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपियों में एक बर्खास्त फौजी सुनील चौधरी गांव बसा टिकरी, जानी थाना क्षेत्र का निवासी है, जबकि परिचालक अरविंद कुमार पट्टी थाना भोजपुर, गाजियाबाद का रहने वाला है.
पुलिस पर अब आरोप लग रहा है कि पुलिस ने दुष्कर्म का स्थान बदल दिया है. महिला ने चलती बस में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था, जबकि पुलिस ने बस के स्थान पर देवलोक कॉलोनी में दुष्कर्म की घटना होना दर्शाया है. पुलिस ने अभी तक अदालत में पीड़िता के बयान दर्ज नहीं कराये हैं. जिस कारण पुलिस की कार्यशैली पर भी सवााल उठ रहे हैं. पुलिस चाहती तो शनिवार को पीड़िता के बयान अदालत में दर्ज करा सकती थी.
मेरठ: दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज कराने में पुलिस लापरवाह, ये है आरोप - police negligence in meerut gangrape case
मेरठ में रोडवेज बस के अंदर महिला के साथ दुष्कर्म मामले में पुलिस निशाने पर आ गई है. पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि पीड़िता उपचार के बाद घर पहुंच गई, इसके बावजूद अभी तक पुलिस उसका बयान दर्ज करने नहीं पहुंची.
पुलिस की लापरवाही आ रही सामने
पीड़िता के पति ने सोमवार को बयान दर्ज कराने की बात कही है. हालांकि महिला का कहना है कि बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस ने उससे अभी तक संपर्क नहीं किया है. पीड़िता इस मामले में अब एडीजी से मिलकर शिकायत करने की बात कह रही है.
- नरेंद्र कुमार, विवेचना अधिकारी