मेरठ:जनपद में NCERT की नकली किताबों के मामले पर पुलिस लगातार अपना शिकंजा कस रही है. सोमवार को पुलिस ने आरोपी पूर्व बीजेपी नेता समेत चार के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिया है. वहीं मामले के तूल पकड़ते ही भाजपा ने भी आरोपियों से किनारा कर लिया है.
जानें पूरा मामला
दरअसल मेरठ पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. मेरठ गजरौला समेत कई अन्य जगह पर छापेमारी के दौरान 70 करोड़ से भी ज्यादा की किताबें बरामद हुई हैं. बताया जा रहा है कि इन किताबों की सप्लाई दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड समेत देशभर के 20 राज्यों में की जाती थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस गैंग का सरगना पूर्व बीजेपी महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता और उसका भतीजा सचिन गुप्ता था.
इस मामले में जैसे ही पुलिस और एसटीएफ ने संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता पर शिकंजा कसना शुरू किया तो भाजपा ने भी आरोपियों से किनारा कर लिया. भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने एक पत्र जारी करते हुए महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता को उनके दायित्वों से निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले का संज्ञान पार्टी के प्रदेश स्तर के शीर्ष नेतृत्व ने लिया है. इस आदेश पर ही संजीव गुप्ता के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है और जल्द ही इसे पार्टी से बाहर किया जाएगा.
महानगर अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को दी चेतावनी
मुकेश सिंघल ने भाजपा कार्यकर्ताओं को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि किसी भी गलत काम में पड़ेंगे तो भाजपा से उन्हें नाता तोड़ना पड़ेगा. वहीं मेरठ पुलिस भी अब इस मामले में एक्टिव हो गई है. संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है. हालांकि मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.