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Published : May 16, 2023, 8:29 PM IST

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निलंबित हुए पुलिसकर्मियों की पहले खिलाड़ियों ने ही की थी पिटाई, CCTV फुटेज आया सामने

मेरठ में खिलाड़ियों के आरोप लगाने के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस मामले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें खिलाड़ी ही पुलिसकर्मियों को पीटते नजर आ रहे हैं.

मेरठ में खिलाड़ियों ने पुलिसकर्मियों को पीटा.
मेरठ में खिलाड़ियों ने पुलिसकर्मियों को पीटा.

मेरठ में खिलाड़ियों ने पुलिसकर्मियों को पीटा.

मेरठः भामाशाह पार्क के पास रणजी क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ अभद्रता और मारपीट मामले में दो दारोगा को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था. अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है.एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुष्टि हुई है कि जो दो दारोगा मारपीट और बदसलूकी के आरोप में निलंबित हुए हैं, उन्हें पहले खिलाड़ियों ने ही चप्पलों से मारा पीटा था.

बता दें कि सोमवार को मेरठ में रणजी खिलाड़ियों ने आरोप लगाया था कि रात्रि में जब वह स्टेडियम के गेट के पास एक होटल में खाना खाने गए हुए थे, तभी उनसे पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ बदसलूकी की थी बल्कि उन्हें बेरहमी से मारा पीटा था. खिलाड़ियों के समर्थन में और भी खिलाड़ी इकट्ठा हो गए थे. इसके अलावा खिलाड़ियों ने लॉकअप में बन्द करने का भी आरोप लगाया था.

इसके बाद एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने दोनों दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फरमान सुना दिया था. लेकिन मंगलवार को पुलिस के हाथ स्थानीय कैमरों को खंगालने के बाद जो सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी हैं, उनमें तो अब सब कुछ मामला ही बदल गया है. अब आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों की पोल खुल गई है. पूरे मामले का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें अब खिलाड़ी ही फंसते दिखाई दे रहे हैं और उनका झूठ भी सामने आ गया है.

सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि सादी वर्दी में मौजूद दो दरोगा के साथ हुई नोंकझोंक के बाद खिलाड़ियों की तरफ से ही हाथापाई की गई. इतना ही नहीं खुद को बेकसूर और पीड़ित बताने वाले खिलाड़ियों ने दरोगाओं को एक के बाद एक लगातार चप्पलों से भी मारा.

अब एसएसपी मेरठ रोहित सिंह सजवाण ने कहा है कि जिस जगह पर खिलाड़ियों ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था. उस जगह का जो CCTV प्राप्त हुआ है, उसमें खिलाड़ियों ने ही पहले पुलिसकर्मियों संग मारपीट की है. उन्होंने कहा कि हालांकि बीते दिन बाद में खिलाड़ियों और पुलिसकर्मियों ने इस मामले में किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया था. एसएसपी ने कहा कि इस पूरे मामले में प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

गौरतलब है कि रणजी खिलाड़ियों ने पुलिसकर्मियों की पहचान दारोगा वरुण शर्मा और दारोगा जितेंद्र के रूप में की थी. एसएसपी ने आनन फानन में जो निर्णय लिया, उससे दो दरोगाओं पर गाज तो गिरी ही. अब इस मामले में विभाग में यही चर्चा है कि आखिर क्या एसएसपी अपनी अपनी भूल को सुधारकर दोनों दारोगाओं को बहाल करेंगे या नहीं.

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