मेरठःजिले के सोतीगंज में देशभर से चोरी किए गए वाहनों का अवैध कटान होता था. बीते एक साल के दौरान अब यहां सब कुछ बदला-बदला दिखाई देता है. अवैध कटान करने वाले माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है. करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, वहीं अब जो लोग इस काम से तौबा करके कुछ और खाने कमाने का जरिया तलाश रहे हैं. उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने की भी यहां पहल हो रही है.
इस गन्दे धंधे से दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाले माफियाओं पर अपनी अलग छवि के लिए प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी ने ऐसा एक्शन लिया कि ,सोतीगंज का स्वरूप ही बदल गया. आईजी प्रवीण कुमार के मार्गदर्शन में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने प्रबल इच्छाशक्ति रखने वाले चुनिंदा अफसरों की मजबूत एवं कुशल टीम के साथ ऐसा प्लान बनाया कि वाहन कटान में लिप्त माफिया शिकंजे में फंसते चले गए.
पुलिस व प्रशासन अब ऐसे स्थानीय कबाड़ियोंं व दुकानदारों को जो अब अपना काम बदल चुके हैं और ईमानदारी से आगे जीवन यापन करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए नए द्वार खोलने का प्रयास कर रहा है. अफसरों का कहना है कि मकसद यही है कि अब जो लोग साफ नियत से कुछ धंधा करना चाहें ऐसे सभी कबाड़ी स्वरोजागर कर सकेंगे. गौरतलब है कि अवैध वाहन कटान की मंडी के नाम से बदनाम सोतीगंज के बेरोजगार वाहन कबाड़ियों को रोजगार देने के लिए प्रशासन की तरफ से कोशिशें जारी हैं, लीड बैंक मैनेजर, समेत उद्योग विभाग तो इन लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहा है. एलडीएम संजय कुमार का कहना है कि पूर्व में भी 100 ऐसे लोग सम्पर्क में आए थे, जो कुछ काम धंधा करने को लोन चाहते थे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ मिलकर प्रशिक्षण भी दिलाया जा सके इस दिशा में कोशिश जारी हैं. सोतीगंज में देशभर से चोरी किए गए वाहनों का अवैध कटान होता था. पढ़ेंः एक रुपये लीटर पेट्रोल लेने के लिए उमड़ी भीड़, बुलानी पड़ी पुलिस
सोतीगंज व्यापार मंडल के पदाधिकारी मोहमद मुरसलीन कहते हैं कि सभी लोग अब यहां सुकून की जिंदगी बसर करना चाहते हैं, वे कहते हैं पूरी तरह से अब सोतीगंज में अवैध धंधा बन्द हो चुका है. वहीं, कुछ दुकानदारों का कहना है कि वे प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें लोन मिल जाएगा तो वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. वहीं, मेरठ के सीनियर एडवोकेट रामकुमार शर्मा का कहना है कि अधिकारियों की नेक नियति व दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से ही ये संभव हो पाया है, हालांकि वे प्रशासन को आगाह भी करते हैं कि पुलिस एक टास्क फोर्स का गठन कर व पड़ताल करें कि कहीं और तो नया सोतीगंज नहीं बन रहा.
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