मेरठ: उत्तर प्रदेश जिला मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में नवाचार को बढ़ावा देने का कदम उठाया है. इस विश्वविद्यालय में सेक्शन-8 के तहत एक कंपनी की स्थापना की जाएगी. जोकि नॉन प्रॉफिट बेस पर काम करेगी. इससे विश्वविद्यालय में अविष्कार, स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा. इस कंपनी से रद्दी रिसाइकिल करने में भी मदद मिलेगी.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, रद्दी होगी रिसाइकिल
उत्तर प्रदेश मेरठ जिला चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मिलेगा बढ़ावा. विश्वविद्यालय में सेक्शन-8 के तहत एक कंपनी को किया जाएगा स्थापित. नॉन प्रॉफिट बेस पर कार्य करेगी कंपनी.
मेरठ जिला चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय लगातार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर आगे बढ़ रहा है. शुक्रवार को कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला प्रशासनिक भवन में सृजन संचार कंपनी के बीच एमओयू साइन किया. इससे विश्वविद्यालय के छात्र जिले में अलग-अलग जगहों पर जाकर सर्वे कर वहां की समस्याओं को जानेंगे. उसके बाद समस्या निदान के लिए काम किया जाएगा. इस कार्यक्रम को परिक्रमा का नाम दिया गया है.
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विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित की जाने वाली कंपनी में छात्रों द्वारा किए जाने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा. फिलहाल विश्वविद्यालय में दो स्टार्टअप चल रहे है, जिसमें से सौर ऊर्जा से ट्रॉली के पीछे जलने वाली रिफ्लेक्टर लाइट और जैविक खाद को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा. इसकी जानकारी कुलपति प्रोफसर संगीता शुक्ला ने देते हुए बताया कि हर जिले में इसके लिए इनोवेशन सेंटर खोला जाएगा. इसके माध्यम से इंडस्ट्रीज को किस चीज की आवश्यकता है, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिल सके उस दिशा में कार्य किया जाएगा.
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