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हरियाली तीज पर जानिए क्यों ट्रेंड हो रहा है 'मेंहदी जिहाद', किसने की शुरुआत? - मुस्लिम युवकों से मेहंदी न लगवाएं

इस बार हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर मेरठ में नया ट्रेंड शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर मेहंदी जिहाद (Mehndi Jihad)नाम से पोस्ट डाले जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि आखिर मेहंदी जिहाद शब्द कहां से और क्यों आया है.

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सोशल मीडिया पर हो रहीं मेहंदी जिहाद की बातें

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Published : Aug 18, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 6:15 PM IST

बबिता गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता और अशोक अग्रवाल प्रचार प्रमुख ने दी जानकारी

मेरठ: तीज का पर्व नजदीक है और सके बाद रक्षाबंधन और जन्माष्टमी का पर्व भी आने वाला है. ऐसे में सोशल मीडिया पर मेहंदी लगाने को लेकर लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कोई इसे मेहंदी जिहाद बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा है तो कि मेहंदी कैसे और कहां लगवाएं, इसकी सलाह दे रहा है. ईटीवी भारत ने मेहंदी लगवाने के मुद्दे पर लोगों से बातचीत कर जानने का प्रयास किया कि आखिर यह मामला क्यों तूल पकड़ रहा है.

सोशल मीडिया पर डाली जा रहीं ये पोस्ट:मेरठ की सामाजिक कार्यकर्ता बबिता गुप्ता भी इन्हीं में से एक हैं, जो कि अलग-अलग वाट्सअप ग्रुप्स के अलावा तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर पोस्ट डाल रही हैं कि मेहंदी सिर्फ महिलाओं से लगवाएं या फिर हिंदुओं से ही लगवाएं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बबिता कहती हैं कि 'समाज में देखा जा रहा है कि कुछ धर्म विशेष के लोग हिन्दू धर्म की बहन, बेटियों से नजदीक आने का बहाना खोजते हैं. कई बार ऐसे लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं. जिसके बाद लव जिहाद जैसी घटनाएं देखने और सुनने में आती हैं.

बबिता कहती हैं कि दूसरी बात ये कि तीज का जो त्यौहार है, यह हिन्दू धर्म मानने वालों के लिए है. खासतौर पर महिलाओं से ही जुड़ा यह पर्व है. ऐसे में वह भी यह अपील करती कि हिन्दू महिलाओं या युवतियों से ही मेहंदी लगवाई जाए तो ज्यादा उचित है. मेहंदी लगने की जो प्रक्रिया है, उसमें एक घंटे से अधिक का समय भी लगता है. ऐसे में अगर कोई धर्म विशेष का व्यक्ति मेहंदी लगाता है तो जाहिर है इस बीच कुछ बातचीत भी हो, जिसमें आगे चलकर मेहंदी लगवाने वाली महिला हो या कोई युवती उससे नजदीक आने की कोशिश हो सकती है. उनका दावा है कि ऐसे मामले सुनने और देखने में भी आए हैं'.

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कुछ असहमत और असहमत:मार्केट में मेहंदी लगवा रहीं रुमा और सोनम कहती हैं कि उन्होंने भी मोबाइल में कुछ ग्रुप में ऐसे मैसेज पढ़े हैं. वह कहती हैं कि ज्यादातर लोग त्यौहार पर मेहंदी लगाते हैं, वह पुरुष ही हैं. ऐसे में वह अगर बाजार में महिलाएं हों तो पहली प्राथमिकता महिलाएं हों, इस बात का वे भी समर्थन करती हैं. धर्म विशेष के लोगों से एतराज को वह उचित नहीं ठहराती. हालांकि कई युवतियों ने कहा कि मेहंदी लगाने के दौरान कुछ आर्टिस्ट पर्सनल होने की कोशिश करते हैं. साथ ही नंबर भी मांगते हैं कि वे अगली बार और भी अच्छी डिजाइन बनाएंगे.

मेहंदी जिहाद शब्द हो रहा वायरल:ईटीवी भारत की टीम से मेहंदी लगाने वालों ने कहा कि इससे ही उनका परिवार पलता है. ऐसे में उन्हें डर सता रहा है कि जिस तरह की पोस्ट आजकल लोग सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं, उससे मेहंदी आर्टिस्ट टेंशन में हैं.

आरएसएस का संगठन सेवा भारती लगा रहा मेहंदी शिविर:राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संगठन सेवा भारती की तरफ से तो इस बार मेरठ में विशेष मेहंदी शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है. सेवा भारती के महानगर के प्रचार प्रमुख अशोक अग्रवाल बताते हैं कि उन्हें भी इसकी जानकारी है. तमाम मैसेज मोबाईल पर इन दिनों ऐसे प्राप्त हो रहे हैं जिनमें अपील की जा रही है कि मुस्लिम युवकों से मेहंदी न लगवाएं. वह कहते हैं कि, सेवा भारती की तरफ से तो युवतियों और महिलाओं की अलग अलग टीम पहले ही बना ली गई थी. उसके बाद उन्हें मेहंदी लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था. अशोक अग्रवाल कहते हैं कि सेवा भारती की ट्रेंड टीम शहर के अलग अलग बड़े मार्केट को चुनकर वहां विशेष मेहंदी शिविरों को लगा रहा है. उन्होंने बताया कि उनका सिर्फ इतना मानना है कि इन विशेष शिविर में प्रशिक्षित महिलाओं से मेहंदी लगवाने आ सकते हैं. वह बताते हैं कि मार्केट में तो सौ रूपये से लेकर काफी पैसे मेहंदी कलाकार ले लेते हैं. जबकि सेवा भारती की टीम 50 रूपये ही चार्ज करेगी.

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Last Updated : Aug 18, 2023, 6:15 PM IST

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