मेरठ: जिले के वॉटर हीरो हरि विश्नोई ने जल संरक्षण की एक मुहिम चलाई है. जल संरक्षण (water conservation) के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वॉटर हीरो के नाम से प्रसिद्ध 70 साल के हरि विश्नोई ने 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का 'क्लब 60 नाम से' एक समूह बनाया है. क्लब 60 के माध्यम से वे वर्षा जल संचयन का काम कर रहे हैं. क्लब 60 के 20 सदस्यों ने न सिर्फ मिशन वॉटर बल्कि एक पार्क में हजारों पौधे लगाकर रिकॉर्ड कायम किया है. पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी क्लब 60 के मिशन का जिक्र अपने मन की बात कार्यक्रम में किया है.
आमतौर पर 60 साल की उम्र में लोग नौकरी से रिटायर होने के बाद घर बैठना ही अपना उचित समझते हैं, लेकिन मेरठ में क्लब 60 के सदस्य रिटायरमेंट के बाद घर बैठने से बेहतर जल संरक्षण (water conservation) का काम कर रहे हैं. क्लब के सदस्यों ने अपने मोहल्ले के पार्क में वर्षा जल संचयन की ऐसी शुरुआत कर दी, जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की है. क्लब 60 के लोगों ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपने पार्क में ही लगा दिया. शुरुआत में वर्षा जल संचयन का एक प्लांट लगा और देखते ही देखते मोहल्ले में कई प्लांट लग गए. बूंद-बूंद पानी बचाने के क्लब 60 के मिशन को जल शक्ति मंत्रालय ने भी सराहा और हरि विश्नोई को वॉटर हीरो का सर्टिफिकेट दे दिया.
वॉटर हीरो और उनकी टीम ने एक ऐसा पार्क बनाया जिसे लोग मॉडल मानते हैं. इस पार्क में काजू, रुद्राक्ष सहित दो हजार से भी ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं. इस पार्क की सबसे खास बात यह है कि यहां पौधे गायंत्री मंत्र के साथ बड़े होते हैं. यानि यहां गायत्री मंत्र की गूंज रहती है. इस निराले पार्क में ओपन जिम, सोलर लाइट, रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग, सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. क्लब 60 के लोगों का संकल्प है 'I will save water for The Next generation'.
इसे भी पढ़ें-मेरठ: जलशक्ति मंत्रालय हरि विश्नोई को देगा 'वाटर हीरो' का खिताब
मेरठ के शास्त्री नगर निवासी हरि विश्नोई उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं. वर्ष 2014 में रिटायर होने के बाद हरि विश्नोई ने अपनी कॉलोनी के लोगों के साथ मिलकर क्लब-60 का गठन किया. क्लब में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है. कार्य को देखते हुए जलशक्ति मंत्रालय ने हरि विश्नोई को वॉटर हीरो का अवॉर्ड दिया.
क्लब-60 की खासियत
- अभियान की शुरुआत हरि विश्नोई ने स्वयं के घर से की.
- अतिथियों को बड़े गिलास की जगह छोटे गिलास में पानी देना शुरू किया.
- आरओ और एसी के पानी को इकट्ठा कर उसका इस्तेमाल पेड़ पौधों की सिंचाई में किया.
- कॉलोनी में पानी बर्बाद न हो, इसके लिए लोगों के घरों की पानी की टंकी में सेफ्टी अलार्म लगवाया.
- कॉलोनी के पार्क में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर बारिश का पानी संचय करना शुरू किया.
- घर के बाहर कंपोस्ट खाद तैयार करके कॉलोनी के घरों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण करने का कार्य शुरू किया.
- पार्क में सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम लगाया गया है, ताकि यहां भी पानी की बचत हो.