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जब मुलायम सिंह की एक चपत ने बना दिया नेता, जीत गए चुनाव

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Published : Oct 10, 2022, 4:51 PM IST

सपा के संस्थापक अब इस दुनिया में नहीं रहे. पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. ऐसे में यूपी के कई जिलों में उनसे जुड़े नेता भी यादों को साझा कर रहे हैं. ऐसे में मेरठ के नेताओं ने भी उनसे जुड़ी यादों को साझा कर श्रद्धाजंलि अर्पित की है.

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मुलायम सिंह की एक चपत ने बना दिया नेता, जीत गए चुनाव

मेरठः नेताजी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh yadav) से जुड़े सपा नेता अब भरी आंखों के साथ उनसे जुड़े संस्मरणों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी (Meerut city MLA Rafiq Ansari) ने बताया कि एक बार वह बार-बार सभा में आई भीड़ की ओर इशारा कर कह रहे थे कि सब उनके चाहने वाले हैं. सारी भीड़ मेरी है तो नेताजी ने उनके कंधे पर चपत मारी और कहा कि सब देख रहे हैं. जनता देख रही है. रफीक अंसारी के कांधे पर वो हाथ क्या पड़ा कि अगला चुनाव वह जीत कर विधायक बन गए.


मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी मुलायम सिंह की बातों को याद कर फफक कर रो पड़े. वही मेरठ में सिवालख़ास विधानसभा सीट से विधायक उनके साथ बिताए पलों को ऐसे सुनाते हैं जैसे कल की ही बात हो. एक किस्सा सुनाते हुए विधायक ने कहा कि एक बार उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. कुछ महीनों बाद वह दोबारा जब नेता जी से मिले तो वह उसी आत्मीयता से मिले और बार-बार यही पूछते रहे पार्टी क्यों छोड़ी. तकरीबन सात बार जब मुलायम सिंह ने यही बात दोहराई तो आखिर में उन्होंने कहा कि उन्हें माफ कर दीजिए. जैसे ही उन्होंने माफी मांगी फौरन उनका टिकट फाइनल कर दिया.

एक और किस्सा सुनाते हुए सिवालख़ास के वर्तमान विधायक गुलाम मोहम्मद कहते हैं कि एक बार तो वह अपना काम गिनाने लगे. बार बार जब उन्होंने अपना काम गिनाया तो मुलायम सिंह ने कहा कि वह जानते हैं कि काम हो रहा है लेकिन काम ख़ुशबू की तरह फैलता है उसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती. विधायक नेता जी को याद कर बार बार फफक फफक कर रोने लगे. विधायक ने कहा कि नेताजी उनके लिए वालिद जैसे थे. ऊपरवाला उन्हें जन्नत दे.

वहीं, मेरठ शहर विधानसभा सीट से सपा विधायक रफीक अंसारी भी नेताजी को याद कर भावुक हो गए. वह बोले कि एक बार वह बार बार सभा में आई भीड़ की ओर इशारा कर कह रहे थे कि सब उनके चाहने वाले हैं. सारी भीड़ मेरी है तो नेताजी ने उनके कंधे पर हाथ मारा और कहा कि सब देख रहे हैं. जनता देख रही है. रफीक अंसारी के कांधे पर वो हाथ क्या पड़ा अगले चुनाव में वह जीत कर विधायक बन गए. उन्होंने कहा कि उस चपत ने उन्हें राजनीतिक रूप से सफल बना दिया.

रफीक अंसारी ने एक ज़माने में हारने के बाद भी राज्यमंत्री बनने के सफर को भी साझा किया. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह हारे का भी सहारा था. वह मेरठ शहर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे लेकिन उन्हें दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया था. वहीं, मुलायम सिंह जी के मेरठ में सबसे पुराने साथी राजपाल चौधरी हैं. राजपाल चौधरी ने बताया कि वह 1974 से नेताजी के साथ रहे. तकरीबन आधी सदी दोनों ने साथ गुजारी. अब सभी नेताजी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

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