मेरठः भारतीय शूटिंग ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में आज अपने अभियान की शुरुआत की. 10 मीटर एयर पिस्टल में आश्चर्यजनक प्रदशर्न करते हुए सौरभ चौधरी ने मेडल राउंड में जगह बना ली है. पुरुष सिंगलस् की ओर से सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर पहला स्थान हासिल किया. इससे पूर्व खेल शुरू होने से सौरभ के परिजनों ने दुआएं की थी कि उनका बेटा गोल्ड जीत कर देश का मान बढ़ाएं.
क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना था कि मेरठ का ये अर्जुन जरुर लक्ष्य पर निशाना साधेगा. मात्र अट्ठारह वर्ष की उम्र में सौरभ ने अर्जुन अवार्ड जैसे सम्मान हासिल किए हैं. अब मात्र उन्नीस साल की उम्र में वो ओलम्पिक के पटल पर भारत का तिरंगा शान से लहराने को बेताब हैं. सौरभ के घरवाले उनकी बलैया लेते नहीं थकते. मां कहती हैं कि जब भी सौरभ मेडल जीतकर आता है वो उनके पैर छूता है और फिर मेडल मां को समर्पित कर देता है. इस बार भी मां को उम्मीद है कि सौरभ ओलम्पिक मेडल जीतेगा और देश का नाम रोशन करेगा.
मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. एक जमाना था, जब तेरह वर्ष की आयु में वो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि सन 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.