उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी बजट 2021ः बढ़ती महंगाई से खेती करना हुआ मुश्किल, सुनिए, किसानों का दर्द - उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने इस कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में किसानों को सरकार के इस बजट से खासी उम्मीद है. ईटीवी भारत ने पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच पहुंच कर उनके मन को टटोलने की कोशिश की है. ETV भारत से बातचीत में किसानों ने जहां योगी सरकार के आने वाले बजट से कृषि की बेहतरी की उम्मीद जताई है, वहीं कुछ मुद्दों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

यूपी बजट से मेरठ के किसानों को उम्मीद
यूपी बजट से मेरठ के किसानों को उम्मीद

By

Published : Feb 20, 2021, 12:12 PM IST

मेरठ :उत्तर प्रदेश का बजट सत्र 2021 शुरू हो चुका है. आगामी 22 फरवरी को योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना आम बजट पेश करेंगे. योगी सरकार के अंतिम बजट को लेकर 2021-22 को लेकर हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पिटारे से किसको क्या मिलेगा, इसको लेकर सभी को उम्मीदें है. योगी सरकार के इस बजट को लेकर पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी उम्मीदें जताई हैं. किसानों ने जहां अपनी फसलों के वाजिब दाम की मांग कर रहे हैं वहीं खाद, बीज, पेस्टिसाइड्स, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर नाराजगी जताई है.


ईटीवी भारत ने पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच पहुंच कर उनके मन को टटोलने की कोशिश की है. ETV भारत से बातचीत में किसानों ने जहां योगी सरकार के आने वाले बजट से कृषि की बहतरी की उम्मीद जताई है, वहीं कुछ मुद्दों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया भी दी है. किसानों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 14 दिन में गन्ने का भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन किसानों को 14 दिन में तो दूर पिछले सत्र का भी भुगतान नहीं हो पाया है. खास बात ये भी है कि चीनी मिलें समय पर भी नहीं चलाई जाती. जिससे किसानों को गन्ने को काट कर ओने पौने दाम में कोल्हुओं में बेचना पड़ता है. प्रदेश के किसानों को योगी सरकार से बहुत सारी उम्मीदें थी, लेकिन सरकार उनकी उमीदों पर खरी नहीं उतरी.

यूपी के बजट से किसानों को उम्मीद
बीज और कीटनाशक हो सस्ते
ईटीवी भारत से बातचीत में किसान तेजपाल सिंह सैनी ने बताया पश्चमी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गन्ने की फसल की जाती है. गन्ने के अलावा यहां का किसान गेहूं, आलू और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. ज्यादातर चीनी मिलों ने गन्ने का भुगतान नहीं किया है. जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट मंडराया हुआ है, जबकि सीएम योगी ने 14 दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करने का वादा किया था. छोटे किसान कम जमीन होने पर सब्जियों की खेती कर अपनी अजीविका चला रहे हैं, लेकिन सब्जियों में डाली जाने वाली खाद और पेस्टिसाइड्स के दाम आसमान छू रहे हैं. जबकि किसानों की सब्जियां सस्ते दामों में बिक रही है. जिससे किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिल पाती. 22 फरवरी को सरकार ऐसा बजट पेश करे जो किसानों के लिए फायदेमंद हो.
महंगे हो रहे कृषि उपकरण
किसानों के मुताबिक आये दिन कृषि उपकरण, खाद-बीज, पेस्टिसाइड्स के साथ डीजल-पेट्रोल और कृषि उपकरण भी महंगे होते जा रहे हैं. जिससे किसानों का बजट बिगड़ रहा है, जबकि उनकी फसलों के दाम ज्यों के त्यों स्थिर बने हुए हैं. किसानों का कहना है कि अगर सरकार कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण एवं खाद बीज के दाम बढ़ाती है तो उनकी फसलों के भी दाम बढ़ाने चाहिए. खाद-बीज और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन किसानों की फसलों का अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया.
किसान की आय हो दोगुनी
किसानों का कहना है कि उनकी दिन रात की मेहनत से खेतों में उत्पादन तो बढ़ रहा है, लेकिन फसलों के दाम बढ़ने का नाम नहीं ले रहे हैं. फसलों के वाजिब दाम नहीं मिलने से किसानों की आय दोगुनी तो दूर लागत भी पूरी नहीं हो रही है. जिसकीं मुख्य वजह कृषि सबंधी समानों पर बढ़ती महंगाई है. अगर सरकार बढ़ती मंहगाई पर अंकुश लगा दे तो किसानों की आय दोगुनी हो सकती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details