मेरठ :देश-दुनिया में दिल के मरीजों की तादाद बढ़ रही है. लोग अपने दिल की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहते हैं. कई बार दिल के रोगियों को महंगे इलाज से भी जूझना पड़ जाता है. सक्षम लोग तो इस खर्च को उठा लेते हैं, लेकिन कई जरूरतमंद इसका साहस ही नहीं जुटा पाते हैं. ऐसे मरीजों के लिए जिले का जसवंत राय हॉस्पिटल नई उम्मीद है. अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल हर साल यूएस के चिकित्सक मित्रों की मदद से दो दिन मरीजों को मुफ्त पेसमेकर लगाते हैं. वह करीब 23 साल से ऐसा करते चले आ रहे हैं. इस नेक काम के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.
दिल के मरीजों को दे रहे नया जीवन :चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है, हालांकि अक्सर कई अस्पतालों में मरीजों के साथ ज्यादती के भी मामले सामने आते रहते हैं. कहीं बिल ज्यादा वसूलने की शिकायत आती है तो कहीं मरीज के परिजनों से धन उगाही के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. इन सबके बीच कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो वाकई में समाजसेवा की भावना से काम कर रहे हैं. वे मुफ्त में मरीजों को जान बचाने में लगे रहते हैं. इन्हीं में से एक हैं जसवंत राय हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल. वह अपने चिकित्सक साथियों की मदद से दिल के मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं.
पेसमेकर के लिए खर्च करने पड़ते हैं लाखों रुपये :बता दें कि किसी भी रोगी को अगर पेसमेकर लगवाना हो तो उसके लिए उसे लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. कई बार जिन मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए डॉ. राजीव अग्रवाल किसी मसीहा से कम नहीं हैं. वह 23 साल से हर साल दो दिन मरीजों को फ्री में पेसमेकर लगाने का काम करते चले आ रहे हैं. अब तक 450 से अधिक मरीजों को वह निशुल्क पेसमेकर लगा चुके हैं. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन और जसवंत राय अस्पताल मिलकर जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क पेसमेकर कैंप का आयोजन करते हैं. पेसमेकर, हॉस्पिटल चार्ज, जांच और प्रत्यारोपण सब कुछ निशुल्क होता है. जिस मरीज की नब्ज कम होती है, उसे पेसमेकर लगाया जाता है. जब हार्ट काम करना बंद कर देता है तो पेस पेसमेकर काम करना शुरू कर देता है.
साल 2000 से हर वर्ष लग रहा निशुल्क पेसमेकर कैंप :डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि मेरठ में ही उनके साथी डॉ. एस कुमार हैं, उन्होंने उन्हें सन 2000 में डॉ. सलिल मिड्डा से मिलवाया, डॉ. मिड्डा बोस्टन में एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट हैं. मुलाकात के दौरान कुछ अलग तरह से सेवा करने के लिए फ्री में पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद डॉ. सलील मिड्डा और उनकी टीम के प्रयास से निरंतर जरूरतमंद लोगों को पेसमेकर लगाने का क्रम जारी है. डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि न्यू ब्रांड के पेसमेकर हर साल लगाते हैं.
आखिर सारा इंतजाम होता कैसे है :पेसमेकर लगवाना महंगी प्रक्रिया है, ऐसे में इसे निशुल्क लगाना कैसे संभव हो पाता है, इस सवाल पर डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि एक कहावत है कि जब इच्छा होती है तो कायनात भी आपकी मदद करती है. हमारे साथ शहर के बहुत सारे बिजनेसमैन जुड़े हुए हैं. फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का भी सपोर्ट रहता है. लगभग 50% संसाधन अमेरिकन चिकित्सक लेकर आते हैं. मिशन के तहत वह यूएस (US) में चैरिटी करते हैं. इसमें भिन्न-भिन्न एक्टिविटी के जरिए पैसे जुटाए जाते हैं. इन पैसों से संसाधन जुटाए जाते हैं. बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन बोस्टन से पेसमेकर और आवश्यक सामान लेकर आता है.