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मेरठ: कोरोना महामारी से हो रही मृत्यु दर पर डीएम ने जताई चिंता

मेरठ के डीएम के. बालाजी ने सोमवार को जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में डीएम ने कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के बारे में कई निर्देश दिये.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम के. बालाजी.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम के. बालाजी.

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Published : Sep 15, 2020, 10:50 AM IST

मेरठ: जनपद मेरठ के नवनियुक्त डीएम के. बालाजी ने सोमवार को बचत भवन में कोरोना महामारी के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में सीएमओ व चिकित्सा अधिकारियों संग बैठक की. इस दौरान डीएम ने कोरोना महामारी के कारण हो रही मृत्यु दर पर चिंता जताते हुए इसमें कमी लाने के लिए कहा. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में अब तक कोरोना से हुई मौतों की संख्या 154 है.

डीएम ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि कोरोना पॉजि​टिव मरीज मिलने के बाद बनाए गए कंटेनमेंट जोन में डोर-टू-डोर सर्वे अभियान प्रभावी ढंग से चलाते हुए एक्टिव केस सर्च का कार्य 48 घंटें में पूर्ण किया जाए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में दिए जा रहे उपचार की समीक्षा की जाए. प्राइवेट अस्पताल सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही इलाज का पैसा चार्ज करें यह सुनिश्चित किया जाए. बैठक में डीएम के. बालाजी ने जनपद में संचालित एल-1, एल-2 व एल-3 अस्पतालों की जानकारी लेते हुए वहां के आईसीयू व सामान्य बेड की उपलब्धता की जानकारी ली. अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता की भी जानकारी ली. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य​ विभाग के अधिकारियों से कहा कि बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं होनी चाहिए.

मरीजों के तीमारदारों को दें हेल्थ अपडेट

डीएम ने अधिकारियों से कहा कि मरीजों से निरंतर संपर्क में रहा जाए और उनका फीडबैक लिया जाए. मरीजों के तीमारदारों व परिवारजनों को मरीज का हेल्थ अपडेट दिया जाए. इन्टिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर प्रभावी ढंग से कार्य करें यह सुनिश्चित किया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम से कोविड अस्पतालों में लगे सीसीटीवी कैमरों से वहां की निगरानी की जाए. मरीजों को अच्छा उपचार, भोजन व वातावरण मिले यह सुनिश्चित किया जाए.

जिले में 800 कंटेनमेंट जोन

सीएमओ डॉ. राजकुमार ने डीएम को बताया कि जनपद में वर्तमान में करीब 800 कंटेनमेंट जोन हैं. किसी क्षेत्र में एक मरीज मिलने पर उसके आसपास के 100 मीटर के एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है. एक से अधिक मरीज मिलने पर 250 मीटर के एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है. सीएमओ ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में घर-घर सर्वे अभियान चलाया जाता है. 48 घंटे में एक्टिव केस सर्च करना होता है. उन्होंने रैपिड रेस्पाॅन्स टीम आदि की जानकारी भी डीएम को दी. बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूजा शर्मा भी मौजूद रही.

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