मेरठ:मेरठ के एक नामी सरकारी अस्पताल में तैनात महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता महेश्वरी हर दूसरे दिन नवजातों को अपनी बाहों में लेती हैं, लेकिन पिछले पांच महीने से उन्होंने अपने दो साल के बेटे कुशाग्र से दूरी बना रखी है. श्वेता के पति डॉ संकेत त्यागी बाल रोग विशेषज्ञ हैं. दोनों की तैनाती मेरठ के एल.एल.आर.एम मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में है. दोनों ही इस साल मार्च के महीने से कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. इन्होंने अपने कर्तव्य को बड़ा माना और इसीलिए दोनों ने अपने बेटे और परिवार को छोड़कर अलग रहने का फैसला किया.
दोनों डॉक्टरों ने पिछले पांच महीने से अपने परिवार और दो साल के बेटे से दूरी बना रखी है. उनका बेटा अपने दादा-दादी के साथ पुश्तैनी घर में रह रहा है. डॉ. श्वेता महेश्वरी ने कहा कि अगर हम अपने बेटे और परिवार के साथ रहते तो उनके लिए कोरोना वायरस का जोखिम बढ़ जाता. इसलिए हम लोगों ने बेटे और परिवार से अलग रहने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि जब मैं किसी नवजात को अपने हाथ में लेती हूं तो मुझे मेरा बेटा पास न होने के कारण दुख होता है. अब मैं अपने बेटे और परिवार से फोन पर बात कर लेती हूं.
डॉ. संकेत त्यागी ने कहा कि हम इन पांच महीने में केवल कुछ बार ही बेटे और परिवार से मिले. मुलाकात के समय, मैं और मेरी पत्नी एक कार में होते थे तो बेटा और परिवार के लोग दूसरी कार में, हम लोग दूर से ही बात करते थे. उन्होंने कहा कि बेटे को यह समझाना बेहद मुश्किल है कि हम दोनों उससे क्यों दूर हैं. दोनों का कहना है कि परिवार और बेटे से दूर रहना बेहद मुश्किल है, लेकिन कर्तव्य परिवार से बड़ा होता है. मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी भी है.