मेरठःदेशभर में होली की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी कड़ी में जिले के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद कैदी भी होली को लेकर इन दिनों खास तैयारियों में जुटे हुए हैं. जिला कारागार में बंद कैदी रंगों के इस त्योहार के लिए इकोफ्रेंडली हर्बल गुलाल बना रहे हैं. चुकंदर, पालक, टेसू के फूलों समेत अन्य प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करके हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है. हिन्दू कैदियों के अलावा मुस्लिम और अन्य समुदायों के कैदी भी पूरा सहयोग कर रहे हैं. यह गुलाल जेल में आने वाले बंदियों के परिजनों के लिए उपलब्ध होगा. इसके साथ ही जेल के बाहर भी इसको बेचने के लिए विशेष काउंटर लगाया जाएगा. ताकि लोग होली के त्योहार में नेचुरल रंगों का इस्तेमाल कर सकें.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि होली के त्योहार पर बाजारों में जो गुलाल मिलते हैं, उनमें अधिकतर कैमिकल पाए जाते हैं. यह केमिकल त्वचा के लिए काफी नुकसान दायक होते हैं. इसी वजह से निर्णय लिया गया कि बंदियों से हर्बल गुलाल बनवाया जाए. हर्बल गुलाल बनाने में चुकंदर और पालक का उपयोग किया जा रहा है. बंदी यहां टेलकम पाउडर, आरारोट, सब्जियों के रस से इस हर्बल गुलाल को तैयार कर रहे हैं. इसकी कीमत भी बेहद ही कम रखी गई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस हर्बल गुलाल का उपयोग कर सकें.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि मेरठ जिला कारागर का बहुत बड़ा फार्म है और बंदियों ने खूब सब्जियां उगाई हुई हैं. उन्हीं में से चुकंदर, पालक, टेसू के फूलों, आदि से हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है. इस काम को करने में करीब 75 बंदी लगे हैं. कौशल विकास मिशन के तहत कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि वो जब जेल से रिहा हों तो समाज के बीच रहकर अच्छा कार्य करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.