मेरठ: दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आंतकियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद शहीद हुए मेरठ के लाल का पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम पैतृक गांव सिसौली पहुंचा तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. परिजनों में कोहराम मच गया, बूढ़ी मां, पत्नी और बच्चो का रो रोकर बुरा हाल है. हर किसी की आंखे नम रही. यूपी सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने परिवार के बीच पहुंच सांत्वना के साथ प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई 50 लाख आर्थिक सहायता का चेक दिया. पार्थिव शरीर के गांव पंहुचते ही पूरा गांव 'भारत माता की जय' और 'अनिल तोमर अमर रहे' के नारों से गूंज उठा. देर शाम पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाया गया. जहां सलामी के बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के मुताबिक अनिल तोमर शनिवार को आंतकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सोमवार को इलाज के दौरान अहले वतन को अलविदा कह दिया.
मुठभेड़ में शहीद हो गया मेरठ का लाल
मेरठ के थाना मुंडाली इलाके के गांव सिसौली निवासी भोपाल सिंह के 40 वर्षीय बेटे अनिल कुमार तोमर शनिवार को शोपियां में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हो गए थे. आनन-फानन में सैन्य अधिकारियों ने घायल जवान को श्रीनगर अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां दो दिन वे जिंदगी मौत की जंग लड़ते रहे, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था और सोमवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली और अहले वतन को अलविदा कह गए. अनिल कुमार तोमर भारतीय थलसेना की 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में बतौर घातक प्लाटून हवलदार के पद पर तैनात थे. उनकी की मूल यूनिट 23 वीं राजपूत थी और अभी वह 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में QRT के कमांडर के तौर पर कार्यरत थे.
आंतकियों से मुठभेड़ में हुए थे घायल
जानकारी के मुताबिक शनिवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के कनीगाम गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद अनिल कुमार तोमर की यूनिट ने गांव पहुंच कर आतंकियों की तलाश में कार्डन ऐण्ड सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान आतंकियों ने पकड़े जाने के डर से सेना के जवानों पर फायरिंग कर दी. आतंकवादियों और सैनिकों के बीच हुई मुठभेड़ में हवलदार अनिल कुमार गोली लगने से घायल हो गए थे. सैन्य अधिकारियों ने घायल अनिल को तुरंत हेलीकाप्टर से श्रीनगर स्थित 92 बेस अस्पताल भेजा. जहां इलाज के दौरान वे शहीद हो गए.