मेरठ: सरकार की तरफ से जरूरतमंदों को लगातार राशन मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन, आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते एक माह में मेरठ में करीब 600 कार्डधारकों ने स्वेच्छा से सरकार की तरफ से मिलने वाले राशन को न लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है. यानी अब यहां करीब 600 परिवार राशन नहीं लेना चाहते. इसके पीछे तमाम तरह की वजह भी गिनाई जा रही हैं.
प्रदेश में सीएम योगी फिर एक बार मुख्यमंत्री हैं. वहीं, देखा जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से कुछ इस तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनके मुताबिक अब राशन कार्डधारकों के लिए कुछ मानक तय किए जाने की बातें हो रही हैं. इतना ही नहीं वायरल पोस्ट में ऐसे लोगों से राशन की रिकवरी की बात भी हो रही है जोकि पात्रता सूची के दायरे में नहीं आते. हालांकि, जिला पूर्ति अधिकारी राघवेंद्र सिंगज का कहना है कि ये सिर्फ अफवाहें हैं. लेकिन, इसे अफवाहों का असर कहें या फिर कुछ और वजह कि जिले में बीते एक महीने में अचानक ऐसे 600 परिवार सामने आए हैं जोकि सरकार की तरफ से मिलने वाले मुफ्त राशन को अब नहीं लेना चाहते.
जिला पूर्ति अधिकारी राघवेंद्र सिंगज का कहना है कि करीब 600 परिवारों की तरफ से तरह-तरह की बातों का हवाला देते हुए राशन न दिए जाने की मांग की गई है. जिला पूर्ति अधिकारी बताते हैं कि कुछ लोगों का कहना है कि अब उन्हें निशुल्क राशन की जरूरत नहीं है तो कुछ राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर दिए गए पत्र में लिख रहे हैं कि अब उनके घर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है, लिहाजा अब उन्हें सरकारी राशन की जरूरत नहीं है. बता दें कि मेरठ जिले में भी बीते दिनों इस तरह की अफवाह फैली थी कि जो लोग पात्रता सूची में नहीं हैं और निशुल्क राशन प्राप्त कर रहे हैं, ऐसे लोगों से राशन की अलग-अलग दरों के हिसाब से रिकवरी होगी. उसके बाद एकाएक ऐसे मामले सामने आए हैं.
जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि जिले में करीब 5 लाख 24000 हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके पास राशन कार्ड है, यानी इतने परिवार सरकार की तरफ से मिलने वाले मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं. वे बताते हैं कि दो श्रेणी के राशन कार्ड धारक मेरठ में हैं. इनमें एक अंत्योदय अन्न योजना और दूसरे पात्र गृहस्थी के हैं. वे बताते हैं कि अंत्योदय अन्न योजना में जिले में 9229 कार्डधारक हैं, जबकि पांच लाख 16 हजार पात्र गृहस्थी कार्डधारक हैं.