उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Maliana Massacre Case : सरकार की लचर पैरवी से बचे गुनहगार, बड़ी अदालत में लगाएंगे गुहार

मेरठ के बहुचर्चित मलियाना कांड मामले में कोर्ट ने 40 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. वहीं दंगे में जान गंवाने परिवारों ने अभी न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी है. इस मुद्दे पर वादी पक्ष के अधिवक्ता रियासत अली खां ने ईटीवी भारत से बातचीत की. एडवोकेट रियासत अली मलियाना के ही रहने वाले हैं.

By

Published : Apr 4, 2023, 2:26 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

Maliana Massacre Case : सरकार की लचर पैरवी से बचे गुनहगार, बड़ी अदालत में लगाएंगे गुहार.

मेरठ :मलियाना नरसंहार मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट रियासत अली खां कहते हैं कि यह बहुत बड़ी घटना थी. अलग अलग कई मुकदमे दर्ज किए गए थे. 83 लोगों की जान गई थीं. 93 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. 72 लोगों के खिलाफ चार्जशीट आई. केवल मलियाना गांव में ही 72 लोगों की जान दंगे में गई थी. पोस्टमार्टम उस वक्त 83 लोगों का हुआ था, क्योंकि मलियाना के अलावा दंगे में मारे गए लोगों की दूसरी भी एफआईआर थीं. बहरहाल न्याय की अभी उम्मीद बाकी है. हाशिमपुरा कांड की तरह इस कांड के दोषियों को भी सजा जरूर मिलेगी.

सीनियर एडवोकेट रियासत अली खां ने बताया कि कई परिवार तो ऐसे थे. जिनके घर के सभी लोग मारे गए. किसी के मां-बाप दंगे में मारे गए. किसी परिवार के बच्चे चले गए. लोगों को जिंदा जलाया गया, गोलियां मारी गईं. घरों में लूटपाट की गई, आगजनी हुई, हिंसा हुई, लोगों को काटा, मारा गया जो फैसला आया है यह उनके लिए दुःखद फैसला है. इतनी बड़ी घटना हुई और उसके बावजूद ऐसे लोगों को लेकर जो फैसला आया है. वह इसको लेकर अब बड़ी अदालत हाईकोर्ट जाएंगे. सभी पीड़ित परिवारों को इंसाफ की दरकार है. उन्हें इंसाफ चाहिए अभी उन्हें लगता है कि कहीं कुछ पैरवी में चूक रही है. शायद ठीक से हम लोग अपनी बात नहीं रख पाए हैं. हमें संविधान ने यह अधिकार दिया है. अभी रास्ता बंद नहीं होता है तो हम लोग अपील करेंगे उच्च न्यायालय में जाएंगे.

रियासत अली खां कहते हैं कि उन्हें भरोसा है कि वहां से उन्हें न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा मिलेगी. अभी कोर्ट के निर्णय की सर्टिफाइड कॉपी भी नहीं मिली है. हमने कोर्ट में इस फैंसले को लेकर कई सवाल डाले हैं. हमने कोर्ट से जानकारी चाही है कि एक तो जो उस दौरान घायल लोग थे उनकी जो घायलों की रिपोर्ट थीं उनका ब्यौरा दिया जाए. दूसरा जिन लोगों के पोस्टमार्टम हुए थे उन लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमने मांगी हैं. जिन लोगों के कोर्ट में बयान हुए हैं उनके बयानों की कॉपी भी हमने कोर्ट से मांगी है.


हाशिमपुरा कांड के सभी आरोपी सेशन कोर्ट से हुए थे बरी :मेरठ के हाशिमपुरा नरसंहार मामले में 2018 दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. सभी 16 आरोपी पीएसी के जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 1987 में मलियाना में हुई घटना से ठीक एक दिन पहले हाशिमपुरा में पीएसी के जवानों ने 42 लोगों की हत्या की थी. बाद में यह मामला जब कोर्ट गया तो सभी बरी हो गए. इसके बाद निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. बाद में 16 आरोपी उम्रकैद की सजा पाए थे जो कि अभी भी जेलों में ही हैं.


एडवोकेट रियासत अली खां कहते हैं कि इस मामले में 1987 से ही सीनियर अधिवक्ता अलाउद्दीन पैरवी करते आ रहे हैं. वह काफी वर्षों से इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे हैं. इसके अलावा कई ऐसे अधिवक्ता हैं जो मलियाना कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए साथ हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से काफी कमजोर पैरवी की गई है. अगर सरकार की तरफ से मजबूत पैरवी हुई होती तो यह फैसला उलट भी हो सकता था. पूर्व विश्वास है कि हाईकार्ट में जब इस मामले को लेकर जाएंगे तो जिस तरह से हाशिमपुरा कांड के दोषियों को सजा हुई थी. उसी तरह से इस मामले में भी हाईकोर्ट से आरोपियों को सजा मिलेगी.

यह भी पढ़ें : जालौन में 50 हजार इनामी बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार, अलग-अलग राज्यों में दर्ज थे 45 मुकदमे

ABOUT THE AUTHOR

...view details