मेरठ:कांग्रेस के पश्चिमी यूपी अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी शनिवार से पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टी वर्कर्स के साथ बैठकें कीं. मेरठ समेत और भी कई जिलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर उनसे बूथ स्तर तक पार्टी को खड़ा करने के लिए मंत्र भी दिए. इस दौरान मेरठ सर्किट हाउस में ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कहा कि अभी पार्टी संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं. पब्लिक तक अपनी पार्टी की जो नीतियां हैं, उन्हें पहुंचाने में लगे हैं. जन-जन तक जा रहे हैं. लगातार कार्यकर्ताओं और कॉमनमैन के बीच पहुंच रहे हैं. बूथ मैनेजमेंट से लेकर ब्लॉक कमेटी, शहर कमेटी, जिला कमेटी, न्याय पंचायत कमेटियां इन सब पर जोर दिया गया है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन ने बताया कि रिव्यू किया जा रहा है कि पार्टी में कौन लोग सक्रिय हैं, कौन निष्क्रिय हैं और कौन बिल्कुल घर बैठे हुए हैं. संगठन को गति देने के लिए काम चल रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान बचाओ संकल्प सभा का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश और मार्गदर्शन में प्रदेशभर में इन दिनों चल रहा है. इसकी शुरुआत जौनपुर जिले से 9 जुलाई को हुई थी. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार की गलत नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने में कांग्रेस लगी है. भरक्त जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को फायदा हुआ है.
ईटीवी भारत के सवाल 'वेस्ट यूपी हो या फिर पूरा यूपी कांग्रेस लगातार पिछड़ रही है? इस सवाल के जवाब में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बोले कि कई ऐसे प्रमाण हैं. उन्होंने एक चींटी का उदाहरण भी दिया. बोले कि एक चींटी सोलह बार दीवार चढ़ी और गिर गई. लेकिन, फिर चढ़ गई. तो कई ऐसे प्रमाण हैं. बीजेपी का भी शुरुआती दिनों का उदाहरण उन्होंने दिया. कांग्रेस के वेस्ट यूपी अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि 1984 से 1989 तक बीजेपी के देश में दो ही एमपी थे. उनसे तो कांग्रेस कहीं ज्यादा अच्छी स्थिति में है. हमारी वो स्थिति तो नहीं है कि दो एमपी हों.
NDA बनाम इंडिया पर बोले नसीमुद्दीन सिद्दिकी
इंडिया को बचाना है यो इंडिया को ही आगे आना पड़ेगा. ये कोई पहली बार नहीं है. इससे पहले भी कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो नफरत छोड़ो पदयात्रा निकाली गई है. जिसको देश में हर वर्ग, हर समाज ने इसे स्वीकारा और इसका स्वागत किया.