मेरठःपश्चिमी यूपी के मेरठ में रुद्राक्ष के अध्ययन को लेकर अंतरराष्ट्रीय रुद्राक्ष मेले (International Rudraksha Fair) और सम्मेलन आयोजित किया गया. शनिवार को मेले के दूसरे दिन का समापन हो गया. इस मेले के आयोजन में रुद्राक्ष की पावर और प्रकृति समेत उसके रहस्यों से पर्दा भी उठा. देश विदेश से आए विद्वानों ने रुद्राक्ष को लेकर किए गए शोधपत्रों के माध्यम से पुष्टि की कि रुद्राक्ष में अलौकिक शक्तियां हैं.
शोभित विश्वविद्यालय में शनिवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय रुद्राक्ष मेले और सम्मेलन का समापन हो गया. बता दें कि प्रदेश में आयोजित अपने तरह की यह पहली कॉन्फ्रेंस थी. इसे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन साइंस ऑफ रुद्राक्ष 2023 का नाम दिया गया. 27 और 28 अक्टूबर को आयोजित इस दो दिवसीय खास कार्यक्रम में रुद्राक्ष मेले में देश भर से विद्वान पहुंचे थे. इस मौके पर रुद्राक्ष के वैज्ञानिक रहस्यों पर चर्चा हुई. इसमें यह बात निकलकर आई कि रुद्राक्ष मानव जीवन को बदलने की शक्ति रखता है और बेहद ही पावरफुल होता है. इसके तमाम तरह से विद्वानों ने प्रमाण भी दिए.
'रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के अश्रुओं से हुई'
इस मौके पर वक्ताओं ने रुद्राक्ष पर हो रहे शोध कार्यों की प्रशंसा करते हुए जानकारी भी दी. शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने बताया कि इस विशेष आयोजन का मकसद यही था कि लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल रुद्राक्ष को संरक्षित करने के लिए प्रयास और तेज करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के अश्रुओं से हुई है और इसमें कहीं न कहीं शिव का डीएनए भी मौजूद है. इस मौके पर जर्मनी से आईं विद्वान शीलकी ने रुद्राक्ष के विभिन्न पहलुओं पर सम्मेलन में अपने विचार रखे. इसके साथ ही खास मेहमानों ने भी रुद्राक्ष के उपयोग के लाभ गिनाए. उन्होंने बताया कि किस तरह से रुद्राक्ष लोगों के लिए उपयोगी है. अंतरारष्ट्रीय रुद्राक्ष मेले में शामिल विद्वानों ने ईटीवी भारत से भी बातचीत के दौरान अपने अनुभव भी साझा किए.