मेरठ: देश की पहली सेमी हाई स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को NCRTC की तरफ से 'RAPIDX' नाम दे दिया गया. गौरतलब है कि दिल्ली से मेरठ के बीच ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी.
NCRTC की तरफ से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, एनसीआर क्षेत्र में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए कार्य जारी है. ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर संचालित होनी हैं. विज्ञप्ति के मुताबिक, यह माना गया है कि RAPIDX नाम पढ़ने में भी बेहद आसान है. साथ ही यह भी तर्क इसके पीछे दिया जा रहा है कि इस नाम से अलग-अलग भाषाओं में उच्चारण करने में भी यह बेहद आसान है.
बता दें कि इससे पूर्व से ही 'रैपिड' नाम तो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के हर किसी की जुबान पर चढ़ चुका है. इसको लेकर और भी तर्क पेश किए गए हैं. मसलन गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में X नेक्स्ट जेनरेशन को दर्शाता है. वहीं, प्रौद्योगिकी और नए युग को भी यह दर्शाता है. इतना ही नहीं युवाओं को भी यह पसंद है. यह भी इसके पीछे का तर्क दिया जा रहा है. इसके लोगो में हरी पत्ती का प्रयोग किया गया है, जिसके बारे में कहा गया है कि ऊर्जा के उपयोग से डीकार्बोनाइजेशन के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को यह रंग दर्शाता है. बता दें कि एनसीआरटीसी के तमाम स्टेशन और डिपो पर सौलर पैनल भी स्थापित किए गए हैं, जिससे मिश्रित शक्ति का उपयोग करके हरित ऊर्जा का प्रयोग भी हो और अधिक भी प्रयोग आगामी भविष्य में करने के लिए योजनाएं हैं.
गौरतलब है कि 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ पर रैपिडएक्स सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे निश्चित ही दिल्ली से मेरठ के बीच की यात्रा में काफी कम समय लगेगा. दिल्ली से मेरठ की दूरी भी इससे घट जाएगी. एनसीआरटीसी का दावा है कि 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करने का प्लान है. बता दें कि NCRTC के जिम्मेदार काफी समय से यह दावा करते आ रहे हैं कि निर्धारित समय से पूर्व 2023 में यानी इसी वर्ष साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन पर भी सेवा शुरू कर दी जाएगी.
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