मेरठ: सरकार की तरफ से भले ही विद्युत आपूर्ति को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही हो, लेकिन वेस्टर्न यूपी में लाखों उपभोक्ता ऐसे हैं जो कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड विद्युत बिल का 9900 करोड़ रुपया दबाए बैठे हैं. इनमें सवा लाख से अधिक उपभोक्ता तो ऐसे हैं, जिन पर एक लाख रुपये से लेकर दस लाख से भी अधिक का बिजली बिल बकाया है. विभाग ने एक खास प्लान बनाकर ऐसे सभी उपभोक्ताओं के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार कर लिया है.
जानकारी देते हुए PVVNL के MD अरविंद मलप्पा बंगारू वेस्टर्न यूपी के जिले जो पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड( PVVNL) के अंतर्गत आते हैं, इन जिलों के विधुत उपभोक्ताओं पर करीब 9 हजार 900 करोड़ रुपये की धनराशि बकाया है. इस बारे में PVVNL के MD अरविंद मलप्पा बंगारू ने बताया कि, बकाया धनराशि के भुगतान को लेकर विभाग उपभोक्ताओं से लगातार संपर्क करता है. उन्हें नोटिस भी दी जाती है ताकि समय पर बिल का भुगतान किया जा सकें. उन्होंने बताया कि, इसकी शुरुआत बड़े बकाएदारों से की जाती है. स्टेप बाई स्टेप प्रक्रिया अपनाई जाती है ताकि उपभोक्ता बिजली के बिलों का भुगतान कर सकें. लेकिन बावजूद इसके 16 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं जिनपर बकाए की राशि दस हजार से लेकर एक लाख तक है. 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का विद्युत बिल जिनपर पर बकाया है, ऐसे 1 लाख 10 हजार कंज्यूमर हैं. इन उपभोक्ताओं पर 2 हजार 913 करोड़ रुपये का बकाया है. जबकि, 14 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनपर दस हजार से लेकर एक लाख तक का विद्युत बिल का बकाया है. ऐसे उपभोक्ताओं पर विभाग का कुल 4 हजार करोड़ बकाया है.
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गौरतलब है कि, सरकार की तरफ से सौभाग्य योजना में नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन वितरित किए गए थे. लेकिन आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इनमें हजारों उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बिजलि बिल देने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. अब विभाग उपभोक्ताओं से इस राशि को जमा करने के लिए प्लान बनाकर बिल जमा कराने की ओटीएस स्कीम चला रहा है. साथ ही बिल न देने वाले बड़े बकाएदारों के कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं.
PVVNL के MD अरविंद मलप्पा बंगारू ने बताया कि, बिजली की चोरी करने वालों के साथ सख्ती से कार्रवाई होगी. इस बारे में अधिकारियों के निर्देशन में रेगुलर कार्रवाई जारी है. उन्होंने बताया कि, जनसेवा केंद्र समेत अनेक माध्यमों से उपभोक्ता अपने बिल को जमा कर सकता है. बिजली बिल जमा करने को लेकर अब ग्राम प्रधान से शहरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जा रहा है. उम्मीद है कि, सकारात्मक परिणाम आएंगे. उपभोक्ता बिल जमा करने में अपनी रुचि दिखाएंगे.
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