मेरठ:जिले के सभी गांवों तक शुद्ध पीने का जल उपलब्ध हो सके इसके लिए जिला प्रशासन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'हर घर जल और जल जीवन मिशन' को लेकर तेजी दिखा रहा है. पश्चिमी यूपी के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में शुमार मेरठ जिले में 236 ऐसे गांव हैं, जहां पानी की गुणवत्ता में गड़बड़ी है यानी या तो पानी दूषित है या फिर वाटर लेवल नीचे की तरफ खिसक गया है, जिससे पानी को लेकर सकंट की स्थिति है. पढ़िए ये खास खबर...
जल संकट से निपटने को सरकार की तरफ से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे. मेरठ की अगर बात करें तो यहां 236 गांव ऐसे हैं, जहां या तो पेयजल हर घर को आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा है, या फिर किसी न किसी रूप में इन चिह्नित गांवों का पानी पीने योग्य नहीं है. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता न होना जिले में एक बड़ी समस्या है. शुद्ध जल सभी को मिले इसके लिए इस संकट से बचने को अब यहां प्रशासन प्लान करके पानी उपलब्ध कराने के लिए कारगर कदम उठा रहा है.
केंद्र सरकार की मंशा है कि देशभर में पीने योग्य जल लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके. इसी लिए सरकार गम्भीरता दिखा रही है. जिला प्रशासन ने ऐसे गांवों को चिह्नित करके वहां टंकियों के निर्माण का कार्य भी आरम्भ करा दिया है. खासतौर पर ऐसे ग्रामीण इलाकों को पहले चरण में पानी की पाइप लाइन से टंकी तक कनेक्ट किया जाएगा, जहां जल सकंट अधिक है. घर-घर पाइप लाइन, वाटर सप्लाई स्कीम के तहत कार्य किए जा रहे हैं. जिम्मेदारों द्वारा जिले के गांवों का सर्वे भी कराया गया है, जिससे ये पता चला कि काफी गांवों में पेयजल अधिक दूषित तो है ही, साथ ही साथ स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है.