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देशी तमंचों पर विदेशी मुहर लगाकर बदमाशों को लगाते थे चूना, जानें कैसे काम करता था गिरोह - Illegal arms factory revealed

देसी तमंचों पर विदेशी मुहर लगाकर बदमाशों को बेचना इस गिरोह को औरों से अलग बना देता है. यानी देसी फैक्ट्री में विदेशी हथियारो की तर्ज पर असलहा तैयार कर उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों तक पहुंचाया जाता था. वे इसे विदेशी मानकर मुहमांगी रकम देते थे.

अवैध असलहा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश
अवैध असलहा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश

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Published : Dec 15, 2021, 10:27 PM IST

मेरठ : देसी हथियारों पर विदेशी मोहर लगाकर बदमाशों को चूना लगाने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया. मेरठ पुलिस ने एक बड़ी हथियार फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. इस फैक्ट्री में विदेशी हथियार हूबहू तैयार कर उस पर विदेशी मोहर लगाकर वेस्ट यूपी के बदमाशों को ऊंची कीमतों पर बेच दिया जाता था. इससे इन लोगों को मोटा मुनाफा होता था.

एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी ने हथियारों की एक बड़ी फैक्ट्री का खुलासा किया है. यहां से 7 पिस्टल है 3 अधबनी पिस्टलें और 200 से ज्यादा मैगजीन बरामद की गईं हैं. इसके अलावा असलहा बनाने के उपकरण भी बरामद किए गए हैं. इस बाबत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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ये सभी अभियुक्त हथियारों की तस्करी करते थे. इनमें से हर आदमी पहले से ही अलग-अलग मुकदमों में वांछित है. बावजूद इसके पिछले 5 साल से मेरठ के लिसाड़ी गेट में मौत का सामान तैयार करने का कारखाना चला रहे थे.

अहम बात यह है कि देसी माल पर विदेशी मोहर इस ग्रुप को औरों से अलग बना देती है. यानी देसी फैक्ट्री में विदेशी हथियारो की तर्ज पर असलहा तैयार कर उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों तक पहुंचाया जाता था. वे इसे विदेशी मानकर काफी पसंद भी करते थे.

इसके लिए यह लोग मुहमांगी कीमत वसूलते थे. एक पिस्टल 25 से 30,000 में बेची जाती थी. 5 सालों में हजारों पिस्टलें तैयार कर ये लोग बेच चुके हैं. फिलहाल पुलिस इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगालने में लगी हुई है. माना जा रहा है कि इनके तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि बिहार के मुंगेर से भी जुड़े हैं.

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