मेरठ:आमतौर पर देखा जाता है कि जब किसी भी मरीज को किडनी में इंफेक्शन हो जाता है तो उस परिवार में सभी लोग टेंशन में आ जाते हैं. प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में अपवाद छोड़ दें तो दो किडनी यानी गुर्दे होते हैं. माना जाता है कि होम्योपैथी धीमे गति से मरीज की तकलीफ को दूर करने में कारगार है. मेरठ में एक चिकित्सक का दावा है कि अब होम्योपैथी पद्दति में काफी बदलाव हुए हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने काफी ऐसे मरीजों का उपचार किया है जिनकी किडनी में किसी न किसी रूप में संक्रमण फैल गया था.
मेरठ में होमियोपैथिक पद्दति से डॉक्टर शशिकांत शर्मा मरीजों का उपचार करते हैं. शशिकांत का कहना है कि उन्होंने इसी पद्दति से उपचार करके किडनी में फैले संक्रमण को ठीक किया है. किडनी रोगी सफल उपचार के बाद अब स्वस्थ भी हुए हैं. इन मरीजों ने बताया कि किसी न किसी वजह से उन्हें गुर्दे में तकलीफ हुई, जिसके बाद उन्होंने एलोपैथ में इलाज कराया. मरीजों ने बताया कि होमियोपैथिक विधि से भी उपचार के बारे में सुना था. जब उन्होंने अपने इलाज की विधि बदली तो उनकी रिपोर्ट में लगातार बदलाव आते चले गए.
डॉक्टर शशिकांत का कहना है कि कोशिश यही है कि जो लोग डायलिसिस पर सप्ताह में तीन बार रहते हैं, पहले उनकी डायलिसिस घटाने का प्रयास किया जाता है,जोकि एक सप्ताह की दवाई से ही कन्फर्म हो जाता है कि रोगी पर होम्योपैथिक की दवाइयां कारगर हो रही हैं या नहीं. उसके बाद आगे उपचार किया जाता है. एलोपैथी पद्दति से होम्योपैथिक उपचार बेहद सस्ता भी बताया जाता है.