मेरठःस्पोर्ट्स सिटी मेरठ को जनवरी 2022 तक करोड़ों की लागत से बनने वाला हॉकी एस्ट्रो टर्फ का बड़ा तोहफा मिलने वाला है. यहां तकरीबन साढ़े पांच करोड़ की लागत से हॉकी टर्फ बनकर तैयार हो रहा है. कृत्रिम घास से बनाए जा रहे इस टर्फ से हॉकी खिलाड़ियों को संजीवनी मिल सकती है. क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी का कहना है कि इस टर्फ से हॉकी के प्रति खिलाड़ियों का रुझान बढेगा.
क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि पचास फीसदी कार्य पूरा हो गया है. उनका कहना है कि जनवरी 2022 तक टर्फ बनकर तैयार हो जाएगा. इंटरनेशनल लेवल पर हर टूर्नामेंट ऐसे ही टर्फ पर चल रहा है. सबसे पहले 1970 में कृत्रिम यानी आर्टिफिसियल घास से बने मैदान में हॉकी खेलने की शुरुआत हुई थी. हर मौसम के अनुकूल इसके फायदों को देखते हुए इसकी लोकप्रियता बढ़ी और प्राकृतिक घास के मैदान एस्ट्रो टर्फ में तब्दील होने लगे.
इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन आईएचएफ (IHF) की ओर से साल 1976 मोंस्ट्रियल ओलंपिक के साथ ही इसे वर्ल्ड कप, जूनियर वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी, चैंपियंस चैलेंजेज आदि सभी प्रमुख हॉकी प्रतियोगिताओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया. कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्राकृतिक घास के स्थान पर कृत्रिम घास से एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान बनकर तैयार हो रहा है. करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस हॉकी ग्राउंड पर हॉकी प्रतियोगिता भी कराई जाएंगी.