मेरठ: पश्चमी उत्तर प्रदेश में कोरोना के साथ आए ब्लैक फंगस का खतरा अभी कम नहीं हुआ कि अब ग्लैंडर्स वायरस ने दस्तक देकर स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के गणेशपुर गांव में घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. पांच दिन पहले घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को गांव में पहुंच कर घोड़ा मालिक एवं परिजनों के सीरम सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया है, जहां उनकी जांच कर आगे का इलाज किया जाएगा. ग्लैंडर्स वायरस मिलने से ग्रामीणों की भी चिंता बढ़नी लाजमी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग वायरस की रोकथाम के लिए अलर्ट मोड़ में आ गया है.
बता दें कि करीब पांच दिन पूर्व गणेशपुर गांव में एक घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग समेत पशु विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ था. आनन-फानन में पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने गणेशपुर गांव समेत आसपास के कई अन्य गांवों के घोड़ों के भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा. ग्लैंडर्स वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने घोड़ा मालिक भीम पुत्र बबलू के परिवार के छह सदस्यों के सीरम सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया.
जानिए क्या है ग्लैंडर्स वायरस
विशेषज्ञों के मुताबिक ग्लैंडर्स वायरस घोड़ों की प्रजातियों में पाई जाने वाली जानलेवा संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के होने से घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गाठें आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. संक्रमित घोड़ो के संपर्क में आने से ग्लैंडर्स वायरस के अन्य पालतू पशुओं में भी फैलने की संभवना रहती है.
संक्रमित घोड़े को मारना पड़ता है
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल बंसल ने बताया कि ग्लैंडर्स वायरस बरखोडेरिया मैलियाई नामक जीवाणु से फैलता है. ग्लैंडर्स वायरस घोड़ों में पाई जानी वाली एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. इस बीमारी की चपेट में आए घोड़े को वैज्ञानिक तरीके से मारना ही पड़ता है.