मेरठःउत्तर प्रदेश में वन्यजीवों (Wildlife Rescue Center) के लिए प्रदेश में 4 स्थानों को बड़ी पहचान मिलेगी. प्रदेश में पहली बार वन्यजीवों के लिए 4 रेस्क्यू सेंटर बनने जा रहे हैं, जिनमें से एक मेरठ भी है. मेरठ के हस्तिनापुर में 20 हेक्टेयर में रेस्क्यू सेंटर का कार्य शुरू हो चुका है. इस रेस्क्यू सेंटर में बाघ, चीतों के साथ-साथ वन्यजीवों का संरक्षण के साथ उपचार भी किया जाएगा.
राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के 4 जिलों में वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाएं एक काफी समय पूर्व निर्णय लिया गया था. जिसके बाद अब सरकार ने अपने वायदे को पूरा करने की तरफ कदम आगे बढ़ा दी है. बता दें कि राज्य में मेरठ समेत पीलीभीत , महाराजगंज और चित्रकूट जिले रेस्क्यू सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व में चिन्हित किए गए थे.
मेरठ के डीएफओ राजेश कुमार ने वन्य जीव सेंक्चुअरी को लेकर कही ये बातें..
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि हस्तिनापुर वन्यजीव सेंक्चुअरी में 20 हेक्टेयर में रेस्क्यू सेंटर बनने जा रहा है. यहां वेस्टर्न यूपी के कई जिलों में समय समय पर मिलने वाले वन्यजीवों को शरण मिल सकेगी. जिनमें तेंदुओं के अलावा भालू एवं बाघों को भी रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में मेरठ समेत ऐसे 4 केंद्र बनाए जा रहे हैं. जिसकी टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है. उन्होंने कहा कि देखा जाता है कि प्रदेश के अलग अलग स्थानों से कई बार वन्य जीव अचानक शहरी इलाकों में आ जाते हैं. इस रेस्क्यू सेंटर बन जाने के बाद वन्यजीवों को यहां लाया जा सकेगा. अगर कोई वन्यजीव घायल हैं, तो उसे उपचार भी यहां मिलेगा.
मेरठ में 20 हेक्टेयर में बनने वाले रेस्क्यू सेंटर का डीपीआर
डीएफओ ने बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से चिन्हित कार्यदायी संस्था को इनके बनाने का जिम्मा दिया जा चुका है. जिसमें डीपीआर तैयार करके सौंपा जा चुका है. उन्होंने बताया कि जूलोजिकल पार्क आमतौर पर मनोरंजन या फिर ज्ञान अर्जित करने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं. जिसमें जानवरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है, ताकि लोग उनके बारे में जान सकें. जबकि रेस्क्यू सेंटर में मुख्यतः ऐसा नहीं होता है. यह रिसर्च और रेस्क्यू तक ही सीमित होते हैं. डीएफओ ने बताया कि हस्तिनापुर में जो रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है. इसमें पहले फेज में तकरीबन 20 हेक्टेयर का एरिया लिया गया है. इसमें तरह तरह के जानवर जैसे बाघ, चीते इत्यादि रहेंगे.
बता दें कि हस्तिनापुर सेंक्चुरी 5 जिलों में 2073 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है. जिसमें तेंदुआ, चीतल, हिरण, बारहसिंघा, खरगोश, नीलगाय आदि जीव रहते हैं. यह कई बार आबादी में पहुंच जाते हैं. इनको रेस्क्यू करने के बाद दूरदराज के रेस्क्यू सेंटर पर भेजा जाता रहा है. यहां पर वन्यजीवों के लिए मेडिकल फेसिलिटी की भी व्यवस्थाएं रहेंगी.
गौरतलब है कि हस्तिनापुर रेंज में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर बनने के बाद यहां मेरठ, बिजनौर, बागपत , बुलंदशहर , सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अमरोहा आदि जिलों से वन्य जीवों को रेस्क्यू कर यहां लाया जा सकेगा.
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