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सांसद आदर्श गांव के विकास की ग्रामीणों ने खोली पोल, सांसद को बताया झूठा - विकास कार्यों का जायजा

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने को तैयार हैं. सरकार की तरफ से भी इस चुनाव को लेकर सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. ऐसे में पांच सालों में हुए विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए ETV भारत की टीम जिले के सांसद आदर्श गांव भगवानपुर चटावन पहुंची. गांव में ग्रामीणों ने न सिर्फ गांव के विकास की पोल खोली वहीं सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर झूठे वादे करने का आरोप भी लगाया.

सांसद आदर्श गांव के विकास की ग्रामीणों ने खोली पोल
सांसद आदर्श गांव के विकास की ग्रामीणों ने खोली पोल

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Published : Mar 2, 2021, 11:43 AM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है. मतदान की तारीख आने से पहले ही प्रत्याशियों ने जहां वोटों का जोड़-तोड़ शुरू कर दिया है. वहीं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ईटीवी भारत ने भी गांवों का रुख कर लिया है. ईटीवी भारत की मुहिम के तहत ETV भारत की टीम मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा गोद लिये गांव भगवानपुर चटावन पहुंची. जहां ETV भारत ने पिछले 5 सालों में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया और ग्रामीणों से बात कर समस्याएं जानी. ईटीवी भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने न सिर्फ विकास कार्यों की पोल खोली बल्कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा किए गए झूठे वादों का भी कच्चा-चिट्ठा खोला.

सांसद आदर्श गांव की ग्राउंड रिपोर्ट.
गलियों में लगा गंदगी का अंबार
ETV भारत की टीम पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थानीय सांसद राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा गोद लिये गए गांव भगवानपुर चटावन पहुंची. यहां गांव की गलियों में जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे हुए थे, जिन पर मक्खियां और मच्छर भिनभिना रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि गंदगी के चलते उन लोगों का निकलना भी दुश्वार हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सफाईकर्मी है, लेकिन वह महीने में एक-दो बार ही आता है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब एक दिन आता है तब भी केवल प्रधान के घर के आसपास की गलियों में सफाई करके चला जाता है.
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लिया था गोद.
पानी निकासी नहीं होने से तालाब बनी गलियां
गांव की गलियों में गंदा पानी भरा हुआ मिला. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों की बजाए गलियों में बह रहा है. पानी निकासी नहीं होने की वजह से गांव की गलियां तालाब बनी हुईं हैं. इसके चलते ग्रामीणों और बच्चों को गंदे पानी से होकर निकलना पड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक, बारिश के दिनों में तो हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं. नालियों के बंद होने की वजह से बरसात का पानी घरों में घुस जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार ग्राम प्रधान एवं सचिव को इस बारे में शिकायत की गई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
गलियां बनी तालाब.
गांव में नहीं पहुंची योजनाएं
बता दें कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने भगवानपुर चटावन गांव को गोद लिया था. सांसद द्वारा गोद लिए जाने के बाद भी गांव में सरकारी योजनाएं नहीं पहुंची. ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बार प्रधान ने केवल अपने मोहल्ले में ही विकास कार्य कराए हैं. गांव में जो भी गलियां, नालियां, बारात घर, स्कूल बने हुए हैं, ये सब पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा बनवाये गए थे.
ग्रामीणों को होती है परेशानी.
गंदगी से भरी पड़ी नालियां
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मौजूदा प्रधान समेत दावेदार प्रत्याशी वोटों के जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं. ग्रामीणों से मिलकर अपने वोट पक्के कर रहे हैं, लेकिन उनको गंदगी से भरी नालियां दिखाई नहीं दे रहीं. नालियों में कूड़ा भरा है जिसके चलते नालियां चोक हो चुकी हैं. जिससे पानी निकासी भी प्रभावित हो रही है. कई जगह पर तो नालियां टूट भी गई हैं. बावजूद इसके प्रधान वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं.
खराब पड़ा सरकारी हैंडपंप.
बजट के बंदरबांट का आरोप
ETV भारत की टीम ने सांसद आदर्श गांव में हुए विकास कार्यों को लेकर जब ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने उनके गांव को गोद लिया था, लेकिन काम कुछ नहीं कराया. गंदगी से पटे पड़े तालाब की सफाई भी नहीं कराई, जो आज आधे से ज्यादा गांव के लिए मुसीबत बना हुआ है. ETV भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि उनकी शिकायत पर अधिकारी निरीक्षण करने तो आते हैं, लेकिन प्रधान के घर चाय-पानी करके चले जाते हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी और प्रधान सब मिलकर विकास कार्यो के नाम पर आये बजट की बंदरबांट कर लेते हैं. जितना विकास गांव में 10 साल पहले हुआ था आज तक वहीं चला आ रहा है. इन 10 वर्षों में दो पंच वर्षीय योजनाएं बीत गईं. इन 10 सालों में चुने गए प्रधान ने गांव में न तो कोई गली बनवाई और ना ही पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण कराया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान समेत सभी ऊपर से नीचे तक विकास के पैसे को डकार लेते हैं. जिसके चलते गांव का यह हाल है.

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