मेरठ: जिले में कूड़ा निस्तारण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, लेकिन मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पूरे कैंपस का कूड़ा कैंपस के अंदर ही अब निस्तारित किया जा रहा है. इसके लिए एक संस्था के माध्यम से वेस्ट मैनेजमेंट का काम शुरू किया गया है. अभी कैंपस के अंदर का रोजाना करीब 2000 किलो कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है.
यूनिवर्सिटी में कूड़ा निस्तारण की अनूठी पहल
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में कूड़ा निस्तारण की अनूठी पहल की गई है. इसके लिए यहां एक गार्बेज क्लीनिक खोला गया है. यही नहीं पूरे कैंपस में रहने वाले लोगों के घरों से क्लीनिक तक कूड़ा लाने के लिए दो गार्बेज एंबुलेंस भी बनाई गई हैं. इनके माध्यम से ही कूड़ा एकत्रित कर गार्बेज क्लीनिक पर ट्रीटमेंट के लिए लाया जा रहा है. यहां गीला कूड़ा 15 दिनों में खाद में बदलेगा, जबकि कूड़े से प्लास्टिक, बोतल, कांच सहित अन्य ठोस कचरे को अलग कर रिसाइकिल करने वाली कंपनियों को दिया जाएगा.
उत्तर भारत सबसे पहला कूड़ा निस्तारण क्लीनिक
यहां तैयार खाद को प्राथमिकता के आधार पर पहले कैंपस में ही दिया जाएगा, उसके बाद यदि खाद बचती है तो उसे बाहर बेचा जाएगा. विश्वविद्यालय कैंपस में बनाया गया क्लीनिक उत्तर भारत के किसी विश्वविद्यालय में पहला क्लीनिक है. राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत निर्मित यह गार्बेज क्लीनिक गुजरात के अंबिकापुर मॉडल पर काम करेगा. अंबिकापुर पूरे देश में स्वच्छता का मॉडल है. विभिन्न सर्वेक्षण में अंबिकापुर सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार है.