मेरठ: चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में निरुद्ध पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके दोनों बेटों को सोमवार देर रात को प्रदेश की तीन अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया. शासन स्तर से लिए गए निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया. पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को मेरठ जेल से सोनभद्र जेल भेजा गया है. वहीं, बड़े बेटे इमरान को सिद्धार्थनगर जेल और छोटे बेटे फिरोज को बलरामपुर जेल भेजा गया है. यह पूरी कार्रवाई बड़े ही गुपचुप ढंग से की गई. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने मेरठ जेल कारागार के जेल अधीक्षक राकेश कुमार से खास बातचीत की.
बता दें कि करीब 9 माह से फरार चल रहे पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान पर 50-50 हजार रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित किया हुआ था. पूर्व मंत्री और उनके बेटे इमरान को पुलिस ने दिल्ली से 7 जनवरी को गिरफ्तार किया था. याकूब कुरैशी और इमरान को मेरठ जेल में बंद किया गया था. जबकि, उससे पूर्व में उनके फरार चल रहे एक बेटे को पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के जेल अधीक्षक ने बताया कि पूर्व मंत्री याकूब और उनके बेटे इमरान 7 दिसंबर को जेल भेजे गए थे. लगभग एक हफ्ता वह यहां रहे हैं. जेल अधीक्षक ने कहा कि जब तक याकूब और उनके बेटे यहां रहे हैं, उनका व्यवहार सामान्य रहा है. सामान्य बंदियों की तरह ही उनको रखा गया है. जेल अधीक्षक का कहना है कि हो सकता है कि क्योंकि यह लोग लोकल हैं दवाब बनाते या हो सकता है कि अवैध मुलाकात कराने का प्रयास करते. इस कारण से इन्हें अन्यंत्र कारागारों में स्थानांतरित कराने का आदेश दिया गया हो.
जेल अधीक्षक ने बताया कि याकूब को सोनभद्र जिला कारागार में शिफ्ट किया गया है. जबकि, फिरोज को सिद्धार्थनगर में और इमरान को बलरामपुर जेल में शिफ्ट किया गया है. इस दौरान तीनों के व्यवहार के बारे में जेल अधीक्षक ने बताया कि नियमानुसार उनकी मुलाकात कराई जाती थी. जब भी कोई तीनों पिता-पुत्रों में से किसी से भी मिलने आता था तो कैमरे की निगरानी और एक डिप्टी जेलर की मौजूदगी में मुलाकातियों को मिलने दिया जाता था.
पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके बेटों से मिलने वाले
8 जनवरी को रविवार था रविवार को कोई मुलाकात नहीं होती, 9 जनवरी को तीन-तीन लोगों ने तीनों से मुलाकात की, 10 जनवरी को कोई मुलाकात तीनों से करने नहीं आया, 11 जनवरी को भी तीन-तीन लोग तीनों से मुलाकात करने पहुंचे थे, 12 और 13 जनवरी को भी कोई मुलाकात करने नहीं पहुंचा, 14 जनवरी को सिर्फ इमरान और फिरोज उर्फ भूरा से तीन लोगों द्वारा मुलाकात की गई थी, 15 जनवरी को रविवार था कोई मुलाकात नहीं, 16 जनवरी को सिर्फ एक मुलाकात फिरोज उर्फ भूरा से करने एक शख्स पहुंचा था.
याकूब कुरैशी पर दर्ज हैं 16 मामले
याकूब कुरैशी और उनके परिवार का बेहद ही आपराधिक इतिहास है. याकूब कुरैशी पर अलग-अलग 16 मामले दर्ज हैं. जबकि, उनके बेटे इमरान पर 9 मामले दर्ज हैं. एक महीने पहले पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के फरार चल रहे छोटे बेटे फिरोज उर्फ भूरा को पुलिस ने पकड़ा था. पुलिस गाजियाबाद से उसे पकड़कर लाई थी. बता दें कि भूरा भी गैंगस्टर में वांछित था. दिसंबर में पुलिस ने भूरा को गाजियाबाद के एक फ्लैट से पकड़ा था.