मेरठ: बसपा पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को आखिरकार पुलिस ने उसके बेटे सहित शुक्रवार देर रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पिछले 9 महीने से याकूब कुरैशी तक पहुंचने के लिए तमाम जतन कर रही थी. लेकिन, याकूब कुरैशी और उसका बेटा बार-बार अपना ठिकाना बदलकर बचते चले आ रहे थे. मायावती शासन काल में प्रदेश सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेताओं में अपनी अलग धमक रही है.
मार्च के आखिर में याकूब कुरैशी की बंद पड़ी फैक्ट्री में करोड़ों रुपये का मीट का अवैध धंधा होता हुआ पाया गया था. इसके बाद याकूब कुरैशी की मुसीबतें बढ़नी शुरू हुई थीं. तभी से याकूब कुरैशी सहित उसके परिवार के सभी लोग फरार थे. पुलिस बार-बार उसे ट्रेस भी कर रही थी. लेकिन, याकूब कुरैशी लगातार अपनी लोकेशन और ठिकाना बदल रहा था. कई बार लगता था कि याकूब कुरैशी देश के बाहर कहीं चला गया है. लेकिन, पुलिस लगातार इस पर काम कर रही थी. आखिरकार, बीती देर रात याकूब कुरैशी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
बता दें कि योगी सरकार की दूसरी बार सरकार बनने के बाद वेस्टर्न यूपी में सबसे पहली और सबसे बड़ी जो कार्रवाई हुई वह यही थी. पुलिस ने खरखौदा थाना क्षेत्र स्थित फैक्ट्री से अवैध रूप से संचालित हो रहे मीट के कारोबार को पकड़ा था. इसके बाद बसपा के कद्दावर नेता याकूब कुरैशी को घर और कारोबार छोड़कर रातों रात भागना पड़ा था. तब से याकूब कुरैशी और उसके बेटों सहित सभी नामजद फरार थे. बीच-बीच में पुलिस ने कई बार उसकी सम्पत्ति भी कुर्क कर उस तक पहुंचने की कोशिश की. इनाम भी घोषित किया गया. राशि भी बढ़ाई गई. एक बेटे को नवंबर में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जबकि, दूसरे बेटे के साथ याकूब कुरैशी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई.