मेरठ: कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के इस दौर में अपने स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देना जरूरी है. विशेषज्ञों की मानें तो इस समय कई स्थानों पर ताजी सब्जियों की पहले जैसी उपलब्धता नहीं हो पा रही है. ऐसे में अगर लोग खुद ही माइक्रोग्रीन का अपने घर पर उत्पादन कर सेवन करें तो पोषण की समस्या नहीं आएगी.
घर की रसोई में मौजूद सामान से तैयार करें माइक्रोग्रीन
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत मिश्रा ने बताया कि घरेलू स्तर पर माइक्रोग्रीन का उत्पादन बेहद आसान है. इसके लिए कुछ गेंहू, धान, जौ, दलहन, तिलहन, धनिया, मेथी, प्याज या कोई भी अन्य मसाला या सब्जी का बीज लेना होगा. सभी घरों की रसोई में ये सामान वर्षभर उपलब्ध रहते हैं.
इनको उगाने की तकनीक आसान है. कोई भी माइक्रोग्रीन का उत्पादन अपने ही घर में कर सकता है. वहीं इसके सेवन से शरीर में विटामिन के अलावा अन्य आवश्यक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट्स की पूर्ति होती रहेगी.
अपने स्वभाव के अनुसार बीज दो से तीन दिनों में जमना शुरू हो जाएगा. सात से चौदह दिनों में उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा. अगर बीज की बुआई से पूर्व उनको 6 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगो लिया जाए तो उनके जमने का प्रतिशत बढ़ जाता है.
माइक्रोग्रीन की कटाई के लिए यह देखना होता है कि जब अंकुर लगभग 2 से 3 इंच लंबा हो जाए. फिर उसमें पत्तियों का एक जोड़ा अपना आकर धारण कर ले तब एक हाथ से उसका ऊपरी भाग पकड़ ले. उसके बाद दूसरे हाथ से कैंची या चाकू से भूमि की सतह से 5-6 मिलीमीटर ऊपर से काट ले. फिर साफ पाने से धोने के बाद उसे शीघ्र भोजन के साथ सलाद में कच्चा उपयोग करें.
-डॉ. दुष्यंत मिश्रा, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान ,वैज्ञानिक