मेरठःभारत की प्रथम रीजनल रेल के 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए सबसे पहले ओवर हेड इक्विपमेंट के ऊर्जाकरण का कार्य शनिवार से शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन इस वर्ष के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. 2023 तक जनता के लिए शुरू किया जाना संभावित है.
देश की पहली रीजनल रेल के समय से संचालन को लेकर कार्य लगातार प्रगति पर है. दुहाई डिपो का आईबीएल अपने आप में खास है. इस डिपो में बने इंस्पेक्शन लाइन पर शनिवार को पहले ओवर हेड इक्विपमेंट सेक्शन को 25 हजार वोल्ट पर चार्ज किया गया. इस पर अधिकारियों का कहना है कि RRTS प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन की दिशा में यह एक बड़ा कदम है.
इस कॉरिडोर पर स्थापित इक्विपमेंट को ऐसी उच्च गति एवं उच्च आवृत्ति वाली ट्रेनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशिष्ट रूप से डिजाइन किया गया है. बता दें कि ट्रेनों की डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटा है. क्योंकि यहां विशेष प्रकार के रिट्रैक्टेबल ओवर हेड इक्विपमेंट लगाए गए हैं. डिपो में ट्रेनों की छत के निरीक्षण के लिए यह रिट्रैक्टेबल ओएचई बहुत उपयोगी हैं क्योंकि इसके रख-रखाव के विभिन्न कार्यों के लिए ट्रेन की छत तक सुगम सुविधा प्राप्त करने के लिए इस पूरे इक्विपमेंट सिस्टम को एक तरफ स्थानांतरित किया जा सकता है.