मेरठ: किसान जरा सी सावधानी से बासमती धान में लगने वाले तना छेदक कीट का खात्मा आसानी से कर सकते हैं. इस कीट के लगने से बासमती धान की पैदावार अधिक प्रभावित होती है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि यह कीट धान की रोपाई से पहले ही लगने लगता है. इसलिए इसकी रोकथाम पहले ही करनी पड़ती है, जिससे की रोपाई के बाद धान के पौधों का विकास प्रभावित न हो और पैदावार में गिरावट न आए.
कीट का खात्मा कर किसान बढ़ा सकते हैं पैदावार. बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रभारी व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने ईटीवी भारत से बताया कि बासमती धान की फसल में तना छेदक कीट (स्टेम बोरर) अधिक नुकसान पहुंचाता है. अधिकांश किसान इस कीट से फसल हो बचाने के लिए नर्सरी लगाने के 10 से 15 दिनों के बाद करते हैं, जो सही नही है. उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में कीट के खात्मे के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
फेरोमाॅन ट्रैप का करें प्रयोग
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि इन कीटों को खत्म करने के लिए किसानों को फेरोमाॅन ट्रैप का इस्तेमाल करना चाहिए. यह एक प्लास्टिक की जाली नुमा होता है. इसमें नर और मादा कीट के गंद का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नर कीट गंध की महक से इसमें फंस जाता है और मादा कीट के संपर्क में नहीं आ पाते है और फसल सुरक्षित रहती है.
क्या होता है फेरोमाॅन ट्रैप
फेरोमेन ट्रैप पांच पीस का एक सेट होता है. इसमें जाली लगी होती है. इसके नीचे चिपचिपा पदार्थ होता है. यह दो तरह का होता है. नर गंध व मादा गंध. एक एकड़ खेत में पांच पीस लगा सकते हैं. यदि नर गंध ट्रैप लगाया है, तो मादा कीट मिलन के लिए इस ओर आकर्षित होंगे और जाल में फंसकर मर जाएंगी. वहीं यदि मादा गंध वाले ट्रैप लगे होंगे, तो जाली में नर कीड़े फंस जाते हैं. इस तरह खेत से धीरे-धीरे कीड़े पूर तरह नष्ट हो जाते हैं.
एक एकड़ में दो फेरोमाॅन ट्रैप का उपयोग
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि फसल में कीट का असर है या नहीं, इसकी निगरानी किसान खुद कर सकते हैं. फसल के ऊपर यदि 4 से 6 कीट मंडराते नजर आ रहे हैं, तो इसके रोकथाम का उपाय करना चाहिए. शुरुआती दौर में कम कीट दिखाई देने पर 1 एकड़ खेत में 2 फेरोमाॅन ट्रैप काफी हैं, यदि कीट की संख्या अधिक दिखाई दे रही है, तो फिर 1 एकड़ में 4 फेरोमाॅन ट्रैप लगा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यदि फसल में कीट की संख्या अधिक है, तो किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.
ट्राईकोग्रामा से भी कर सकते हैं कीट का खात्मा
निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रभारी ने बताया कि जैविक खेती करने वाले किसान ट्राईकोग्रामा कार्ड का इस्तेमाल कर इस कीट पर नियंत्रण कर अपनी फसल को सुरक्षित कर सकते हैं. यह ट्राईकोग्रामा कार्ड एक पोस्टकार्ड की तरह होता है. जिसकी कीमत 40 से 50 रुपये होती है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में दो ट्राईकोग्रामा कार्ड का उपयोग किया जा सकता है. इस कार्ड पर पर कीट के अंडे होते हैं, जो विकसित होकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे कीट को खा कर उन्हें नष्ट कर देते हैं. इसलिए इन्हें किसानों का मित्र भी कहा जाता है.