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मेरठ: फसलों के लिये मुसीबत बना बदलता मौसम, किसान बरतें सावधानी

उत्तर प्रदेश के मेरठ में बदलते मौसम और ठंड के साथ आज कल रात में पाला भी गिरने लगा है. यही पाला खेत में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसलों को पाले से बचाने के लिए समय से प्रबंधन करना जरूरी है. समय रहते फसलों के लिये प्रबंधन कर लिया जाए तो पाले से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

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कोहरे और पाले से फसल बचाव के उपाय

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Published : Dec 8, 2019, 12:23 PM IST

मेरठ: पाला फसलों को नुकसान पहुंचाता है. आलू की फसल पर पाले का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. कई बार पाले की वजह से आलू की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है. आलू के अलावा गन्ना, सरसों और सब्जी आदि की फसलों पर भी पाला प्रतिकूल प्रभाव डालता है. जरा सी सावधानी बरती जाए तो फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.

कोहरे और पाले से फसल बचाव के उपाय

पाले से फसलों का कैसे करें बचाव-

  • शहर में मौसम बदलने और ठंड के साथ रात में पाला भी गिरना शुरू हो गया है.
  • समय रहते फसलों में प्रबंधन कर लिया जाए तो पाले से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.
  • आलू की फसल पर पाले का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है.
  • आलू के अलावा गन्ना, सरसों और सब्जी आदि की फसलों में भी पाला प्रतिकूल प्रभाव डालता है.
  • सावधानी बरतने से फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.
  • इस बार नवंबर के अंतिम सप्ताह में कई स्थानों पर अच्छी बारिश और ओलावृष्टि हुई.
  • ओलावृष्टि के बाद पाला गिरने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है.
  • यदि पाला गिर रहा है तो फसलों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए.
  • हल्की सिंचाई से फसलों पर पाले का असर कम हो जाता है.


पाले के असर से फसलों को बचाने के लिए खेत में नमी का बना रहना जरूरी है. यदि पाला गिर रहा है तो फसलों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए. हल्की सिंचाई से फसलों में पाले का असर कम हो जाएगा और फसल में नुकसान नहीं होगा. आलू की फसल में सबसे अधिक इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि फसल में पाले का असर दिखाई दिए तो वैज्ञानिक सलाह के साथ उसका तुरंत उपचार कर देना चाहिए. समय से किए गए उपचार से फसल में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
आर एस सेंगर, प्रोफेसर, कृषि विश्वविद्यालय

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