मेरठ :मंडल में महीने भर सेवायोजन विभाग की तरफ से रोजगार मेले लगने जा रहे हैं. इन रोजगार मेलों की खास बात यह है कि उन्हें तो अवसर मिलेगा ही जोकि सेवायोजन विभाग में पंजीकृत हैं, वहीं ऐसे युवाओं को भी नौकरी मिल सकती है जिन्होंने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) से कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया है या अभी कर रहे हैं.
कौशल विकास मिशन के तहत तहत प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को मिलेगा मौका :मेरठ मंडल में सेवायोजन विभाग मंडल के प्रत्येक जिले के हर ब्लॉक पर पूरे माह रोजगार मेलों का आयोजन करने जा रहा है. इस बार साल में पहली बार आयोजित किए जा रहे इन रोजगार मेलों की खास बात यह है. इस बार कौशल विकास मिशन के तहत तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को भी नौकरी इन मेलों के माध्यम से मिल सकेगी. मेरठ मंडल के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक शशिभूषण उपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया कि 'उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के दिशा निर्देश के तहत केंद्र और प्रदेश सरकार से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) का संचालन किया जा रहा है. उस योजना के तहत सभी बेरोजगार युवाओं को ब्लॉक स्तरीय रोजगार मेलों के माध्यम से सेवायोजित करने का प्रयास किया जा रहा है. वह बताते हैं कि जो निर्देश अभी तक मिले हैं, उसमें मंडल के सभी ब्लॉकों में एक रोजगार मेले आयोजित कराए जाएंगे. हर रोजगार मेले में कम से कम दो सौ युवाओं को अवश्य नौकरी मिल सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.'
6 जिलों में लगभग 50 से अधिक ब्लॉक में होगा आयोजित :क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि जो बच्चे दीनदयाल उपाध्याय कौशल्य विकास मिशन के माध्यम से कौशल्य प्राप्त किए हैं, उन्हें अवसर दिया जा रहा है कि वह इन रोजगार मेलों में आकर साक्षात्कार दें. उन्होंने बताया कि मेरठ मंडल के 6 जिलों में लगभग 50 से अधिक ब्लॉक हैं और हर ब्लॉक में रोजगार मेलों को अब पूरे माह आयोजित किया जाना है. इन रोजगार मेलों की शुरुआत हो चुकी है 31 जनवरी तक अलग-अलग ब्लॉक पर यह रोजगार मेले आयोजित किये जा रहे हैं, ताकि युवा अपने नजदीक के ब्लॉक में पहुंचकर नौकरी के लिए आवेदन कर सकें. उन्होंने बताया कि जो ट्रेनिंग पार्टनर हैं वह चाहे दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के हों या फिर शार्ट टर्म कोर्स से संबंधित हों, सभी ट्रेनिंग पार्टनर्स को लिखित निर्देश दे दिए गए हैं कि उनके यहां जो भी प्रशिक्षित युवा हैं या फिर जिन्होंने 50 प्रतिशत से अधिक ट्रेनिंग पूरी कर ली है, उनको अनिवार्य रूप से इन रोजगार मेलों में शामिल कराएं.'