मेरठः जिले में और आसपास के इलाकों में अभी स्मॉग का असर कम नहीं हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि अब सुबह और शाम के समय धुंध का असर अधिक दिखाई देगा. खेतों में धान की पराली जलाने और बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है. सोमवार को जिले का एक्यूआई 352 था, जो मंगलवार को बढ़कर 379 पहुंच गया.
प्रदूषण की वजह से बढ़ा स्मॉग
जिले में स्मॉग का असर पिछले 2 दिन से अधिक दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना कर पढ़ रहा है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर के मुताबिक धान की पराली खेतों में जलाए जाने की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दिवाली पर पटाखों के धुएं से भी इसमें इजाफा हुआ है.
दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ी. इन दिनों वातावरण में नमी अधिक
इन दिनों वातावरण में नमी अधिक और हवा की गति कम होने की वजह से धूल और धुएं के कण वातावरण में नीचे की ओर ही बने हुए हैं. यही कारण है कि इन दिनों स्मॉग का असर दिखाई दे रहा है. स्मॉग का असर तभी कम होगा जब हवा की गति तेज होगी ताकि स्मॉग उड़कर ऊपर चला जाए या फिर बारिश हो. वर्तमान में बारिश की संभावना नहीं है. फिलहाल यह धुंध अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही दिखाई देगी.
सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को
साथ ही प्रोफेसर का कहना है कि स्मॉग की वजह से सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को होती है. ऐसे मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, जहां धूल या धुआं अधिक रहता हो. मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए. स्मॉग और प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए इसके प्रति भी सावधानी बरतनी चाहिए.
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